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आमरण अनशन पर बैठे विस्थापितों का चौदहवीं दिन बीत जाने के बाद भी सुधि लेने नही पहुचे कोई पदाधिकारी || Even after the fourteenth day of the oustees sitting on fast unto death, no official reached to take care of them.

पूरे ईचागढ़ विधानसभा होली के जस्न में मग्न हे, बिस्थापितो को मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ने वाले राजनेता क्यों चुप्पी साधे हुए हैं।
निमडीह : सराइकेला खरसावां जिला के आदित्यपुर स्थित स्वर्णरेखा भवन के सामने आमरण अनशन पर बैठे विस्थापितों का आज चौदहवीं दिन बीत जाने के बाद भी कोई पदाधिकारी सुधि लेने नहीं पहुचे। वही अनशन कर्मियों का साथ देने पहुँचे गोपेश महतो ने कहा सुवर्णरेखा में विस्थापित हुए 116 गांव , हजारों परिवार आज सड़क पर हैं । हमलोंग कितने समस्या से जूझ रहे हैं ओर राज्य सरकार मस्त हैं ऐसे में विस्थापित परिवार करे तो करे क्या ? आज 40 वर्षों से हम विस्थापित नेताओं , मंत्रियों , विधायकों के भरोसे रहा लेकिन किसी प्रकार की कोई उचित पहल नहीं की गई । आशा और जिज्ञासा करते करते एक पीढ़ी खत्म हो चुकी है , और दूसरी पीढ़ी भी उसी कगार पर है , लेकिन अब हम सभी मिलकर विस्थापित एकता का परिचय देंगे और समाधान अवश्य निकलेगा ।
राज्य सरकार हमारे जमीन पर पानी संग्रहित कर जमशेदपुर के विभिन्न कम्पनियों को पानी बेच रहे हैं , बात यहीं खत्म नहीं होती हमारे पानी को अन्य राज्यों में भी बेचा जा रहा है , और यहां के विस्थापित रोजगार के अभाव में , अपने परिवार के भरण पोषण , बच्चों के शिक्षा के लिए बाहरी राज्य पलायन करने को मजबूर हैं । अब हम विस्थापितों का राज्य सरकार से निवेदन है जल्द से जल्द समस्या का निस्पादन करे अन्यथा हम विस्थापित परिवार चांडिल डेम के सभी फाटक बंद करने पर मजबूर होंगे , एक बूंद भी पानी डेम से निकलने नहीं दिया जाएगा । मौके पर मनोहर महतो , फूलचंद महतो , बरुन महतो , आकाश महतो सहित सैकड़ों विस्थापित उपस्थित थे।
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