उत्क्रमित उच्च विद्यालय कृष्णापुर में शहीद दिवस संपन्न || Martyr's Day celebrated in Utkrutm High School Krishnapur
शिक्षक विश्वजीत कुमार सतपथी ने कहा कि इन तीनों ने मिलकर दिसंबर 1928 में लाहौर में ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जॉन सांडर्स की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसके बाद 8 अप्रैल 1929 में भगत सिंह ने अपने साथी बटुकेश्वर दत्त के साथ मिलकर दिल्ली के सेंट्रल असेंबली में बम फेंककर बहरी ब्रितानी हुकूमत को यह बता दिया था कि अब भारतवासी जाग चुके हैं. उनकी गिरफ्तारी हुई और लाहौर षड्यंत्र केस में 23 मार्च सन 1931 को उन्हें फांसी की सजा हुई. जब उन्हें फांसी के तख्ते पर पहुंचाया गया तो जेल 'इंकलाब जिंदाबाद' और 'सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है' के नारों से गूंज उठा.
उन्होंने हंसते हुए फांसी के फंदों को चूम लिया. चित्रकार समीर महतो ने इस शहादत को स्कूल की दीवार पर निःशुल्क उकेरकर अपनी राष्ट्रभक्ति का परिचय दिया. छात्रा ज्योति मेलगांडी ने 'मेरा रंग दे बसंती चोला' गाना गाकर सबकी आंखें नम कर दी. दो मिनट का मौन रखकर उनकी शहादत को नमन किया गया. मौके पर शिक्षक मनोज कुमार, नूतन रानी, शैलेश कुमार तिवारी,रणवीर महतो, जगन्नाथ प्रधान, योगेंद्र महतो, श्याम लाल महतो, गीता महतो, रेणुका महतो, कांति हाईबुरु व भारी तादाद में विद्यार्थी मौजूद थे.
विश्वजीत कुमार सतपथी,
सहायक शिक्षक, उत्क्रमित उच्च विद्यालय कृष्णापुर