मंगलसूत्र भारतीय महिलाएं क्यों पहनती हैं? || Why do Indian women wear mangalsutra?


- भारतीय समाज में विवाह के समय दुल्हन को दूल्हे द्वारा मंगलसूत्र पहनाए जाने की एक रस्म निभाई जाती है लेकिन इस रस्म को निभाते समय दुल्हन को पहनाया जाने वाला, दो काले रंग के रेशमी धागों में पिरोए हुए काले मोतियों और उनके बीच में पिरोए हुए सोने के मोतियों से बने इस ‘मंगलसूत्र' को वह जीवन भर अपनी एक अनमोल धरोहर के रूप में सहेज कर रखती है।
दरअसल ऐसा माना जाता है कि कोई भी विवाहित स्त्री अपने पति के जीवन रक्षा और अपने वैवाहिक जीवन की रक्षा के लिए ही मंगलसूत्र पहनती है। मंगलसूत्र में काले रंग के मोती किसी बुराई से रक्षा के लिए ही उपयोग किए जाते हैं और विवाह के समय काले मोतियों से बना यह मंगलसूत्र पहनने का उद्देश्य विवाह में होने वाले किसी अपशकुन से बचाना ही होता है ।
हालांकि आज मंगलसूत्र के स्वरूप में काफी परिवर्तन आया है और सस्ते से लेकर हजारों रुपए कीमत के काफी आकर्षक डिजाइनों में भी मंगलसूत्र बाजार में उपलब्ध हैं। वहीं आज भारत में आधुनिकता और पाश्चात्य संस्कृति के तेजी से बढ़ते प्रभाव के साथ-साथ भारतीय विवाहित महिलाओं द्वारा मंगलसूत्र पहनने की अनिवार्यता भी धीरे-धीरे कम होने लगी है जबकि कुछेक महिलाएं तो इन्हें एक आभूषण के रूप में ही सिर्फ पार्टी वगैरह में ही पहन कर जाना पसंद करने लगी हैं। देखा जाए तो भारतीय समाज में यह मान्यता है कि किसी विवाहिता स्त्री के गले से मंगलसूत्र तभी अलग होता है जब या तो वह विधवा हो जाए या किसी कारणवश दोनों में अलगाव हो जाए और दोनों का रिश्ता टूट जाए। यही वजह है कि किसी स्त्री के गले में पहना मंगलसूत्र आज भी उसके विवाहिता होने का प्रमाण माना जाता है । कहा जाता है कि पहले न सिर्फ विवाहित स्त्रियां बल्कि पुरुष भी मंगलसूत्र पहनते थे और वर-वधू एक-दूसरे के गले में इसे आपसी समझ के प्रतीक के रूप में पहनाते थे लेकिन धीरे-धीरे यह परम्परा बदली और दुल्हनों को ही मंगलसूत्र पहनाया जाने लगा ।
भारतीय महिलाएं मंगलसूत्र को एक मांगलिक आभूषण के रूप में धारण करती हैं और जीवन भर इसे अपने गले में पहने रहती हैं।दूल्हे द्वारा दुल्हन को मंगलसूत्र पहनाने का अर्थ होता है कि दूल्हे ने दुल्हन को उसके पिता से अपने लिए मांग लिया ।
उत्तर भारत में जहां काले रंग के रेशमी डोरे में काले व सोने के मोतियों से पिरोया हुआ मंगलसूत्र प्रचलित है, वहीं दक्षिण भारत में यह सोने का एक छोटा आभूषण होता है जिसे सूती धागे अथवा सोने की चेन में पहना जाता है। वहां इसे 'थाली' कहा जाता है।
तमिलनाडु तथा दूसरे दक्षिण भारतीय राज्यों में 'थाली' यानी मंगलसूत्र को प्रायः पीले रंग के मोटे धागे में पहनाया जाता है। दूल्हे द्वारा दुल्हन के गले में थाली पहनाने की रस्म उसी प्रकार निभाई जाती है जिस प्रकार उत्तर भारत में सगाई के दौरान एक-दूसरे की उंगली में अंगूठी पहनाने की रस्म निभाई जाती है
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