झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति ने शहीद रघुनाथ महतो को दिया श्रृद्धांजलिझारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति ने शहीद रघुनाथ महतो को दिया श्रृद्धांजलि || Jharkhandi Bhasha Khatian Sangharsh Samiti paid tribute to martyr Raghunath MahatoJharkhandi Bhasha Khatian Sangharsh Samiti paid tribute to martyr Raghunath Mahato


निमडीह : चुहाड़ विद्रोह के महानायक शहीद रघुनाथ महतो के शहादत दिवस पर झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति चांडिल अनुमंडल इकाई के सक्रिय सदस्य तरुण महतो के नेतृत्व में जन्मस्थान नीमडीह प्रखंड के घुटियाडीह गांव में शहीद रघुनाथ महतो के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित किया। मौके पर तरुण महतो ने कहा कि शहीद रघुनाथ महतो एक महान भारतीय क्रांतिकारी थे, जिन्होने 1769 ई0 से 1778 ई0 में अंग्रेजों के विरुद्ध चुआड़ विद्रोह का नेतृत्व किया था। चुआड़ विद्रोह, छोटानागपुर क्षेत्र में अंग्रेजों के खिलाफ पहला संगठित विद्रोह था। उन्होंने कहा कि अमर शहीद रघुनाथ महतो एक वीर योद्धा थे जो स्वदेश वासियों के लिए अंग्रेजो के साथ भीषण संग्राम किया। उन्होंने कहा कि ऐसे महापुरुष किसी समुदाय, जाति के बंधन में बंधे नहीं है वे सिर्फ भारत माता के सपूत है। उन्होंने कहा कि शहीद रघुनाथ महतो ने "अपना गांव, अपना राज; दूर भगाओ विदेशी राज" के नारा दिया था। अंग्रेजी हुकूमत के काला कानून व्यवस्था के खिलाफ रघुनाथ महतो ने ग्रामीणों को एकजुट कर तत्कालीन मानभूम क्षेत्र में एक शस्त्र विद्रोह का शंखनाद किया था। 5 अप्रैल 1778 ई को क्रांतिकारी रघुनाथ महतो अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ते हुए शहीद हो गए। हमें उन महापुरूषों के मार्ग दर्शन पर चलने की आवश्यकता है।
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