POETRY - HAPPY SUNDAY
" हे रवि,आप भी आज
निश्चित मनाएं छुट्टी।
थोड़ी सी बादली कर दे
हवा छोड़ दे मिट्ठी मिट्ठी।।
कुछ तो राहत कर दे आज
एंजॉय करूं सब संडे।
पेट ना बिगड़े चाहे खाऊं
मीट, मछली या अंडे।।"