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Chaibasa News : नहीं रहे "लाइब्रेरीमेन" के पिता बंधुवा कच्छप

उनका पार्थिक शरीर हुआ पंचतत्वों में विलीन


चाईबासा: शहर चाईबासा के पुलहातु निवासी लाइब्रेरीमेन के नाम से विख्यात संजय कच्छप के पिताजी बंधुवा कच्छप (67 वर्ष) का निधन हो गया है। वे पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे, उनका शहर चाईबासा स्थित मूंधड़ा हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। कल उनका इलाज के दौरान निधन हो गया। आज उनका उरांव समाज के रीति रिवाज के अनुसार मसना स्थल (उरांव समाज का कब्रिस्तान) में कोल्हान से उरांव समाज के सभी पदाधिकारीयों के बीच उनका अंतिम सत्कार किया गया। विदित हो कि वह अपने पीछे दो बेटे एक बेटी, नाती पोते और अपनी पत्नी को छोड़ गए। उनका सारा जीवन संघर्ष में रहा। उन्होंने अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ-साथ अच्छा व्यवहार भी सिखाया, यही तो कारण है कि आज उनका जेष्ठ पुत्र "लाइब्रेरीमेन" संजय कच्छप के नाम से पूरे भारत में विख्यात है, जिनकी चर्चा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने कार्यक्रम "मान की बात" में की है। श्री कच्छप ने बताया कि मेरे पिता के निधन से हम सभी खुद को अकेला महसूस कर रहे हैं, क्योंकि आज हम लोग जो भी समाज उपयोगी कार्य करते हैं, उनके ही दिशा निर्देश पर करते आ रहे थे। अब आगे हम लोगों को कौन अपना मार्गदर्शन देंगे। उन्होंने आगे बताया कि मेरे पिता बहुत ही सरल स्वभाव और मृदुभाषी थे। आज के अंतिम संस्कार के इस मौके पर उनके अनुज पुत्र अजय कच्छप अलावे क्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष संचू तिर्की, सचिव अनिल लकड़ा, उपसचिव लालू कुजूर, मसकल लाइब्रेरी के संस्थापक "जैकमेन" कृष्ण देवगम, प्रोफेसर इंदर पासवान, सृष्टि चाईबासा के संस्थापक सह अध्यक्ष प्रकाश कुमार गुप्ता के अलावे विभिन्न उरांव समाज के साथ विभिन्न समाज के पदाधिकारी सदस्य गण सैकड़ों की संख्या में उपस्थित रहे।
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