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रिश्ते हैं तो हम हैं | if there are relationships then we are there


✍फौजिया नसीम शाद - विनायक फीचर्स

कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में चाहें कितनी भी दौलत, शौहरत हासिल क्यों न कर ले, लेकिन जब तक उसकी खुशियों को बांटने वाले, उसकी हौसला अफजाई करने वाले, उस पर बेलौस प्यार लुटाने वाले, उसके साथ नहीं होते, तो वह व्यक्ति कामयाब होकर भी नाकामयाब रहता है। जीवन को आधार प्रदान करने में, उसे मुकम्मल बनाने में, हमारे अपनों की महत्वपूर्ण भूमिका और विशेष योगदान होता है, और यह रिश्ते ही तो होते हैं जो हमारे जीवन को बेपनाह खुशियों से भर देते हैं, लेकिन अफसोस! वर्तमान परिवेश में जिस प्रकार से लोग रिश्तों को निभा रहे हैं, वह मात्र औपचारिकता के अतिरिक्त और कुछ भी नहीं है, और इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं है, कि आज की तेज रफ्तार जीवन शैली ने रिश्तों को प्रभावित ही नहीं बल्कि उन्हें खोखला भी बना दिया है। सामाजिक बदलाव एक स्वभाविक प्रक्रिया है जिसे अन्यथा लेना भी नहीं चाहिए लेकिन इसके साथ ही हमें हमारे रिश्तों को, बिखरने से बचाने और उन्हें मजबूती देने के लिए भी, सकारात्मक प्रयास करने चाहिए, और उन कारणों पर भी ध्यान देना चाहिए जो हमारे रिश्तों को तोडऩे की वजह बनते है।
वास्तव में हमारे जीवन में अगर रिश्ते न हो तो हम कितने तन्हा हो जायेंगे? रिश्ते है तो हम हैं, वरना जीवन शून्य के अतिरिक्त कुछ भी नहीं, और इसमें कोई दो राय नहीं है कि रिश्ते हमारे जीवन को आधार प्रदान करते हैं, इसलिए रिश्तों को पूरे सम्मान के साथ सुरक्षित रखने का प्रयास करना चाहिए, रिश्ता कोई भी हो हर रिश्ता खूबसूरत होता है, बस जरूरी हर रिश्ते को दिल से निभाने की। हमारी भावना रिश्तों को समय और सम्मान देने की होनी चाहिए, क्योंकि ये रिश्ते ही होते हैं जो हमारे जीवन की रिक्तता को भरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं इसलिए इन्हें किसी भी परिस्थिति में खोने न दे इन्हें संभाल कर रखें और अपनी जिन्दगी को अपने खूबसूरत रिश्तों से महका दे क्योंकि अपने हैं तभी हमारी खुशियों की सार्थकता है।
बहरहाल -
शिकवा गिला शिकायतें
किसी से न कर सकोगे,
रिश्तों के आइने में कभी
खुद का भी अक्स देखो।
- शाद
अगर आप रिश्ते नफा नुकसान देख कर निभाते हैं तो आपको खुद पर सोचने की जरूरत है क्योंकि रिश्ते एहसास होते हैं कोई सौदा नहीं, जिसे आप हानि लाभ के तराजू में तोलें, और निष्कर्ष निकालें, जरूरी है हर एक के लिए कि वो रिश्तों के आईने में खुद का भी अक्स देखे।
जीवन में रिश्ते विशेष महत्व रखते हैं,इसलिए ध्यान रखे कि नये रिश्ते कभी पुराने रिश्तों के टूटने का कारण न बने।
यह हकीकत भी अपनी जगह है कि रिश्ते वही कमजोर होते हैं जहाँ उम्मीदें वाबस्ता होती हैं और उम्मीदों पर टिके रिश्ते कभी मजबूत नहीं होते।
कोई भी रिश्ता हो, हर रिश्ता जिम्मेदारी का प्रतीक होता है और रिश्ता वही निभाता है, जो रिश्तों की अहमियत को समझता है, और उसकी जिम्मेदारी उठाने का हौंसला और हिम्मत रखता हैं वरना गैरजिम्मेदार लोगों से तो दुनिया भरी है जो रिश्ते की जिम्मेदारी को बोझ समझ कर रिश्ता निभाने के विपरीत भाग खड़े होते है।
रिश्ते वही अनमोल और दिल के करीब होते हैं जहां एक दूसरे को समझने के लिए लफ्जों की नहीं एहसास की जरूरत हो।
जिस रिश्ते में आपको अपने अन्य रिश्तों के लिए स्पष्टीकरण देना पड़े तो ऐसे रिश्ते को कभी हल्के में न लें, ज्ञात रहे ऐसे रिश्ते आगे चल कर मानसिक स्वास्थ्य को हानि पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बनावटी रिश्ते कभी भी हमें आंतरिक खुशी प्रदान नहीं करते, इसलिए अपने जीवन में अपने वास्तविक रिश्तों का अपना पूरा ध्यान और समय देने का प्रयास करें।
हर रिश्ता स्वयं में बहुत सुन्दर और पवित्र होता है लेकिन यह तभी सुंदर और पवित्र बनेगा जब आप मन से रिश्तों की गरिमा और उसकी पवित्रता का ध्यान रखेंगे।
रिश्तों में आई खामोशी अक्सर रिश्तों के टूटने की वजह बनती है, इसलिए संवादहीनता को किसी भी हाल में अपने रिश्तों के मध्य न आने दे।
जब रिश्तें लाभ- हानि के तराजू पर तोल के निभाये जाएं तो वो रिश्ते ज़रूरत के हो सकते हैं दिल के नहीं।
कड़वी हकीकत है कि हर रिश्ता अपनी कीमत वसूल करता है।
सम्मानित रिश्ते में अपने साथी को शर्मिंदा करना उसे बेइज़्ज़त महसूस कराना रिश्ते की खराब स्थिति को अभिव्यक्त करता है, जिसका परिणाम टूटे रिश्ते के रूप में हमारे समक्ष आता है और वैसे भी नकारात्मकता के परिणाम कभी सकारात्मक नहीं होते।
सम्मान के अभाव में प्रेम हो या अन्य कोई भी रिश्ता अपना अस्तित्व खो देता है, प्रेम करने से पहले सम्मान करना सीखें, रिश्ते की गरिमा सम्मान में ही निहित होती है।
जब कोई रिश्ता बहुत प्रयत्न और प्रयास के उपरांत भी शंकाओं और आशंकाओं में घिरा हुआ महसूस हो और बार-बार अवसर देने के बाद भी निराशा ही हाथ लगे तो उस रिश्ते में ख़ामोशी की दीवार खड़ी कर लें, क्योंकि रिश्ते में विश्वास न होना वैसे भी रिश्ते के होने न होने के बराबर है। रिश्ते की खूबसूरती और मज़बूती उसके विश्वास और सम्मान में निहित होती है ऐसा विश्वास और सम्मान जो रिश्ते के ख़त्म होने के बाद भी ख़त्म न हो।
अपनी जिन्दगी में उस रिश्ते को पूरी अहमियत दीजिए जिसमें आपको बदलने की जरूरत न हो, क्योंकि जो बदलाव चाहते हैं वो आपको नहीं बल्कि उस बदलाव को चाहते हैं जो आपके किरदार का हिस्सा नही हैं। (विनायक फीचर्स)
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