POETRY - BY KARUNA MAY MANDAL
✍️करुणा मय मंडल
इतनी भी आसान नहीं
ऐसे ही कमल खिल जायेगी।
आसान मत समझना भाई
तीर निशाने में मिल जायेगी।।
जनता का क्या मिजाज है
सही प्रयत्न कर दिल टटोल।
चाटुकार नहीं चारों ओर देख
ठीक से कर डैमेज कंट्रोल।।
जो किए हो जग जाहिर है
बताने की कोई जरूरत कंहा।
व्यवस्था तो बद से बदतर है
तुम्हें सुधारने का फुर्सत कंहा।।
फिर भी वोट दे देंगे सब
प्यार से दो मीठे बोल बोल ले।
आज करीब से देख रहा जो
गरीब का वो दर्द तोल ले।।
मौका जो फिर मिला तुझे
जरूर दर्द-ए-दवा बनना।
इन गरीबों मजलूमों का
दोस्त-ए-परवाह बनना।।