अपने मांगों को लेकर शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों से मिले झारखंड बांग्ला भाषा उन्नयन समिति के प्रतिनिधि मण्डल
हड़बड़ी में ना हो सर्वे, हो सठीक मूल्यांकन वरना होगी उग्र आंदोलन....करुणा मय मंडल
ज्ञात रहे लोस चुनाव के समय में एकाएक राज्य सरकार द्वारा विद्यालयों में भाषाई सर्वे का निर्गत पत्रांक - 551, दिनांक - 06/05/2024 में ये सर्वे को 15 जून तक संपन्न करने का निर्देश दिया गया है वहीं जिला के पदाधिकारी द्वारा अलिखित रूप से 20 - 21मई तक सभी विद्यालयों को उक्त सर्वे रिपोर्ट जिला में जमा करने के लिए कहा गया है - जिससे साफ जाहिर हो रही है की ये मात्र और मात्र खानापूर्ति होने वाली है।
अपनी आंदोलन के जरिए यंहा तक पहुंचने के बाद जब बांग्ला भाषा उन्नयन समिति को ये आशंका संताना शुरू किया की ये सर्वे चुनाव के दवाब के समय अल्प समय में संपन्न हुआ तो निश्चित रूप से खानापूर्ति ही होगी ,- सठीक नहीं हो सकती है।
अपनी आशंका को मद्दे नजर रखते हुए झारखंड बांग्ला भाषा उन्नयन समिति के एक प्रतिनिधि मण्डल पूर्व जिला पार्षद सह भाषा आंदोलन के सिपाही करुणा मय मंडल के अगुआई में अपनी तीन सूत्री मांगों को लेकर जिला शिक्षा अधीक्षक, पूर्वी सिंहभूम एवं जमशेदपुर ब्लॉक के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी के साथ मुलाकात कर अपनी बातें रखी गई।
आज समिति के द्वारा शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों को दी गई तीन सूत्री मांगें निम्न प्रकार है :--
१) सर्वे निष्पक्ष एवं पारदर्शिता पूर्ण हो।
२) सर्वे का पर्याप्त समय मिले।
३) अभिभावकों के सत्यापन के आधार पर ही विद्यार्थियों की भाषा दर्ज हो।
जिला शिक्षा अधीक्षक के अनुपस्थिति में ये पत्र जंहा उनके कार्यालय में जमा कि गई वंही जमशेदपुर प्रखंड के प्र.शि.प्र.पदा. श्रीमती कौर मैडम के कार्यालय में उनसे मिलकर विषय की सौहार्द पूर्ण विस्तृत चर्चा कि गई तथा अपनी मांग पत्र सौंपी गई। साथ ही समिति द्वारा स्वयं भी विभिन्न विद्यालयों में जाकर सर्वे का निरीक्षण करने की अनुमति मांगी गई - जो मंजूरी दी गई।
आज के प्रतिनिधि मण्डल में पूर्व पार्षद श्री मंडल के साथ जुड़ान मुखर्जी, कमल चक्रबर्ती, अपूर्व रॉय, गोपाल दास, प्रणव मजूमदार एवं मुनीराम बास्के भी उपस्थित थे।