वन विभाग के लाखों की जमीन को नगर परिषद चक्रधरपुर द्वारा कौड़ियों के भाव से 30 साल के पट्टा देने के मामले में वन विभाग ने अवैध कब्जा पर चला बुलडोजर,डीएफओ के नेतृत्व में तोड़ा गया अवैध निर्माण

Chakradharpur : वन विभाग के लाखों की जमीन को नगर परिषद चक्रधरपुर द्वारा कौड़ियों के भाव से 30 साल के पट्टा देने के मामले में आखिर तूल पकड़ लिया है। वन विभाग ने अवैध कब्जा को गुरुवार को बुलडोजर चला कर अतिक्रमण मुक्त कर लिया है. बता दे की इस मामले में लगातार मिडिया में खबर आने के बाद वन विभाग ने अपनी ही महिला पुरुष वनकर्मियों की फ़ोर्स को लगाकर पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष कृष्ण देव साह उर्फ फेंकू साव के पुत्र विजय साह के द्वारा वन विभाग की जमीन पर किये गए अवैध निर्माण को तोड़ डाला है. सरकारी वन विभाग की जमीन पर की गयी चारदीवारी को पोकलेन से ढहा दिया गया है. पोड़ाहाट के डीएफओ अलोक कुमार खुद मौके पर मौजूद रहे और उनके दिशा निर्देश पर जमीन में किये गए अवैध निर्माण को नेस्तनाबूत कर दिया गया.  बता दें की विजय साह ने वन विभाग के जमीन को 30 साल के लीज पर ले लिया था. 

सबसे बड़ी बात यह भी थी की चक्रधरपुर नगर परिषद् द्वारा वर्ष 2019 में वन विभाग की जमीन को 30 सालों के लिए वार्षिक किराए पर पट्टा में दिया गया है. नगर परिषद 872 वर्गफीट जमीन को 12 रुपए प्रति वर्गफीट की दर से 10,464 रुपए वार्षिक किराए पर पट्टा में दिया गया है. जो की पूरी तरह से अवैध प्रक्रिया है. बता दें की चक्रधरपुर भारतीय स्टेट बैंक के सामने एनएच 75 से सोनुआ की ओर जाने वाली मोड़ पर गलत तरीके से अवैध कब्जा किया गया था। बता दें कि वन विभाग की जमीन नगर परिषद् के द्वारा 30 साल के लीज पर दिया था. उसके बाद उस जमीन को ईंट की दीवार खड़ी कर घेराबंदी की और फिर फर्श को भी पक्का किया जा रहा था.

यह सारा निर्माण का कार्य खुलेआम चल रहा था. इसी बीच चक्रधरपुर के अंचल अधिकारी गिरिजा नंद किस्कू ने अचानक वन विभाग की जमीन पर चल रहे निर्माण स्थल पर पहुंचकर जमीन की जांच पड़ताल कर उन्होंने बताया की जमीन वन विभाग की है और गलत तरीके से वन विभाग की सरकारी जमीन को लिया गया है. इतना सब कुछ होने के बाद भी वन विभाग ने उनकी जमीन को गलत तरीके से हथियाने वाले के खिलाफ कोई लिखित शिकायत नहीं की. जिसके कारण पिछले कुछ दिनों से मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था. लेकिन बाद में वन विभाग द्वारा लिखित शिकायत अंचल अधिकारी को किया था। इस मामले को लेकर मीडिया में लगातार आई ख़बरों के बाद वन विभाग को अपनी ही जमीन को अपना ही फ़ोर्स लगाकर खाली करना पड़ा. मौके पर पोड़हाट डीएफओ अलोक कुमार स्वयं मौजूद थे.

वन विभाग की जमीन पर गलत तरीके से अतिक्रमण कर कब्ज़ा किया गया: डीएफओ


पोड़ाहाट डीएफओ अलोक कुमार ने कहा की वन विभाग की जमीन पर गलत तरीके से कब्ज़ा कर लिया था. इसलिए विभाग के द्वारा अपनी जमीन अपनी फ़ोर्स लागाकर खाली करवाई गयी है. हालाँकि उन्होंने यह कहकर चौंका दिया की उन्हें नहीं पता की उनकी इस वन विभाग की सरकारी जमीन पर किसने अतिक्रमण किया है. जबकि अतिक्रमण के नाम पर की गयी लीज की अवैध प्रक्रिया के कागजात नगर परिषद् में मौजूद हैं. साफ़ है की विजय साह पर कार्रवाई करने से वन विभाग बच रही है. क्योंकि विजय साह पूर्व नगर परिषद् अध्यक्ष केडी साह के बेटे हैं. उनकी जगह और कोई होता तो सरकारी जमीन गैर कानूनी तरीके से लेने के आरोप में अब तक जेल की हवा खानी पड़ती। बरहाल पूरे मामले की जांच की बात पोड़ाहाट डीएफओ आलोक कुमार ने कहा है। अब देखना है कि क्या कार्रवाई होगी। लेकिन इस बात को लेकर पूरा शहर में चर्चा का विषय बना हुआ हैं।
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