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डीजीपी ने गुआ मुठभेड़ में शामिल जवानों को चाईबासा में किया सम्मानित, कहा बहुत जल्द पश्चिम सिंहभूम जिला भी होगा नक्सल मुक्त

हथियार और हिंसा छोड़कर आत्मसमर्पण करो नहीं तो मारे जाओगे: डीजीपी 


 ✍️Rajeshwar Pandey 

Chaibasa : पश्चिम सिंहभूम में सोमवार को नक्सल विरोधी अभियान में सुरक्षाबलों को मिली बड़ी कामयाबी से झारखण्ड के डीजीपी काफी उत्साहित हैं. झारखण्ड के डीजीपी अजय कुमार सिंह मंगलवार को चाईबासा पहुंचे और यहाँ उन्होंने सुरक्षाबल के जांबाज जवानों की पीठ थपथपाते हुए बेहतर नक्सल विरोधी अभियान चलाने के लिए पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया. 
बता दें कि सोमवार को गुवा थाना एवं जेटेया थाना के सीमावर्ती क्षेत्र में हुए मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने तीन माओवादी नेता और दो महिला माओवादियों को मार गिराया था. यही नहीं मौके से एक माओवादी एरिया कमांडर और एक महिला माओवादी को भी जिंदा गिरफ्तार करते हुए भारी मात्रा में नक्सलियों के हथियार, गोला बारूद और अन्य सामान बरामद किये थे. 


इस कामयाबी से उत्साहित झारखण्ड के डीजीपी अजय कुमार सिंह मंगलवार को चाईबासा पुलिस लाइन पहुंचे. उनके साथ अपर पुलिस महानिदेशक अभियान डॉ संजय आनन्द लाठेकर, पुलिस महानिरीक्षक अखिलेश कुमार झा, पुलिस महानिरीक्षक (अभियान) होमकर अमोल वेणुकांत, झारखण्ड जगुआर पुलिस उप महानिरीक्षक इन्द्रजीत महथा, विशेष शाखा पुलिस उप-महानिरीक्षक श्री एस० कार्तिक, सीआरपीएफ पुलिस उप-महानिरीक्षक एसके लिण्डा, सीआरपीएफ पुलिस उप महानिरीक्षक (परिचालन) डीएन लाल सहित अन्य वरीय पदाधिकारी मौजूद थे


डीजीपी सहित सभी वरीय पुलिस पदाधिकारियों ने मुठभेड़ में शामिल जवानों को कैश अवार्ड और फलों की टोकरी देकर सम्मानित किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डीजीपी ने नक्सलियों को चेतवनी देते हुए कहा की नक्सली हिंसा और हथियार छोड़कर वापस समाज की मुख्य धारा में शामिल हो जाएँ, नहीं तो वे नक्सल विरोधी अभियान में मारे जायेंगे. आज नहीं तो कल नक्सलियों का मारा जाना निश्चित है. उन्होंने कहा की सरकार ने नक्सलियों के पुनर्वास के लिए बेहतर आत्मसमर्पण नीति बनायीं है. जिसमें सरकार आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को जमीन ,ईलाज ,घर आदि के लिए आर्थिक रूप से मदद कर रही है. इस अवसर का लाभ उठाते हुए नक्सलियों को नक्सलवाद का रास्ता छोड़ सुख शांति की जिंदगी जीने की ओर कदम बढ़ाना चाहिए. 


डीजीपी ने पश्चिम सिंहभूम जिले में चल रहे नक्सल विरोधी अभियान की तारीफ भी की. उन्होंने कहा की पहले झारखण्ड के लगभग सभी जिले नक्सलवाद की चपेट में थे. लेकिन आज धीरे धीरे नक्सलवाद ज्यादातर जिले से समाप्त हो गया है. फ़िलहाल पांच जिले ही नक्लसवाद की चपेट में है और उनमें से पश्चिम सिंहभूम जिला अभी भी सबसे ज्यादा प्रभावित माना जाता है. लेकिन जिले से नक्सलवाद को खत्म करने के लिए झारखण्ड पुलिस के अलावे अन्य सुरक्षाबल के जवान लगातार नक्सलियों की मांद में घुसकर नक्सल विरोधी अभियान चला रहे हैं. जंगल में शांति कायम करने के लिए चलाये जा रहे अभियान से नक्सली बैकफुट पर हैं. आने वाले समय में बहुत जल्द जंगल नक्सल मुक्त होगा ऐसा उन्हें उम्मीद है. 


उन्होंने सोमवार को हुए मुठभेड़ की तारीफ करते हुए कहा की उनके जांबाज जवानों ने ना सिर्फ माओवादियों के शीर्ष नेताओं को मार गिराया बल्कि दो को गिरफ्तार भी किया. हथियार गोला बारूद भी बरामद किया. इतना बड़ा ऑपरेशन चलाने के बावजूद एक भी सुरक्षाबल के जवान को खरोंच तक नहीं आई. यही इस मुठभेड़ की सबसे बड़ी सफलता है. उन्होंने कहा की केंद्र और राज्य सरकार के मजबूत ईरादे के कारण दो साल से पश्चिम सिंहभूम में लगातार नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा है. जिला पुलिस के अलावे कई सुरक्षा एजेंसी की टीम संयुक्त रूप से बेहतर सामंजस्य स्थापित कर नक्सल विरोधी अभियान चला रही है. पहले इस अभियान में सुरक्षाबलों को नुकसान हुआ, कई जवान शहीद हुए, कई घायल हुए. गलतियों से हमने काफी कुछ सीखा. जिसके कारण अब सुरक्षाबल के जवान लगातार नक्सलियों पर भारी पड़ रहे हैं. लगातार मिल रही सफलता से नक्सलवाद पश्चिम सिंहभूम जिले में अंतिम सांसें गिन रहा है. उन्होंने उम्मीद जताई की इसी तरह अभियान चलता रहा तो बहुत जल्द पश्चिम सिंहभूम जिला भी नक्सलवाद से मुक्त होगा और हम जंगलों में शांति और अमन कायम करने में कामयाब होंगे.

2022 से अबतक कुल 169 नक्सलियों 116 माओवादी/53 पीएलएफआई उग्रवादी को किया गया गिरफ्तार

 

कोल्हान और सारंडा क्षेत्र में साल 2022 से अबतक कुल 17 कैंपों का निर्माण किया गया है. सरजोमबुरु में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी का तथाकथित ईआरबी मुख्यालय हुआ करता था. चाईबासा जिला में भाकपा माओवादी और पीएलएफआई के विरूद्ध साल 2022 से अबतक कुल 5972 अभियान संचालित किया गया है. अभियान के दौरान वर्ष 2022 से अबतक कुल 169 नक्सलियों 116 माओवादी 53 पीएलएफआई उग्रवादी को गिरफ्तार किया गया. इस दौरान मुठभेड़ के दौरान कुल छह नक्सलियों को मारा गया है. साथ ही विभिन्न प्रकार के कुल 53 हथियार, 409 आईडी, 167 स्पाइक होल बरामद किया गया. साथ ही 34 नक्सल कैंप को ध्वस्त किया गया.

 26 प्रतिबंधित नक्सली संगठन भा०क०पा० (माओ०) के नक्सलियों द्वारा आत्मसमर्पण


 झारखण्ड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पूर्नवास नीति को आकर्षक और सूलभ बनाया गया है. जिसमें लोगो को जागरुक करने हेतु स्थानीय "हो" भाषा एवं हिन्दी भाषा में पोस्टर तथा बैनर जारी कर प्रचार प्रसार किया जा रहा है। वर्ष 2022 से अबतक पुलिस द्वारा माओवादियों के विरूद्ध लगातार अभियान चलाये जाने तथा झारखण्ड सरकार की आकर्षक एवं उत्साहवर्धक प्रर्त्यापण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर पुलिस के समक्ष वर्ष 2022 से अबतक कुल 26 प्रतिबंधित नक्सली संगठन भा०क०पा० (माओ०) के नक्सलियों द्वारा आत्मसमर्पण किया गया है।
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