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आपदा प्रबंधन की हुई बैठक , देवाशीष राय ने चांडिल डैम का जलस्तर बढ़ने पर उग्र आंदोलन का दिया चेतावनी

चांडिल - अनुमंडल कार्यालय चांडिल सभागार में अनुमंडल पदाधिकारी शुभ्रा रानी की अध्यक्षता में आपदा प्रबंधन की बैठक आयोजित की गई। चांडिल डैम के जलस्तर बढ़ने के कारण डुब क्षेत्रों के समस्याओं से निपटने के लिए चर्चा किया गया। बैठक में जंगली हाथियों के उत्पात से हो रही समस्याओं, आम जनमानस की क्षति तथा क्षेत्र में कल कारखानों से फैल रही प्रदूषण का मामला छाया रहा।मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया। वहीं विधायक सविता महतो, सांसद प्रतिनिधि के रूप में पूर्व जिप उपाध्यक्ष देवाशीष राय ,जिप उपाध्यक्ष मधुश्री महतो, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सुनील कुमार रजवार सुवर्ण रेखा परियोजना के पदाधिकारी आदि के उपस्थिति में बैठक किया गया। बैठक में एसडीओ शुभ्रा रानी ने चांडिल डैम के जलस्तर बढ़ने पर होने वाली समस्याओं पर चर्चा की। उन्होंने बाढ़ जैसी स्थिति में होने वाली समस्याओं से निपटने के लिए सभी अधिकारियों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया। एसडीओ ने सभी अधिकारियों के साथ साथ प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है। वहीं डैम का पानी गांवों में घुसने से में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए चांडिल बांध मत्स्यजीवी स्वावलंबी सहकारी समिति के गोताखोरों की मदद लेने की बात कही गई । 

समिति के अध्यक्ष से गोताखोरों की सूची मांगी गई हैं। इसके अलावा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को भोजन व पानी की व्यवस्था करने को लेकर तैयारी करने का निर्देश दिया गया है। वहीं विधायक सविता महतो कहा कि वर्षात के मौसम में चांडिल डैम का जलस्तर 180 मीटर से अधिक नहीं बढ़े , इसके लिए मुख्यमंत्री से भी मिलकर बात किया जाएगा।
बैठक में पूर्व जिला परिषद उपाध्यक्ष देवाशीष राय ने कहा कि डैम का जलस्तर 179 मीटर तक ही रखा जाए। भारी बारिश होने पर एकाएक जलस्तर बढ़ने लगती हैं, इस स्थिति में डैम का फाटक खोलने के बावजूद जलस्तर कम होने में समय लगता है, तब तक स्थिति भयावह हो जाता है। उन्होंने कहा कि यदि 179 मीटर जलस्तर रखा जाता हैं तो एक - दो मीटर जलस्तर बढ़ने पर भी स्थिति को नियंत्रण किया जा सकता है। 

देवाशीष राय ने बैठक के दौरान क्षेत्र में फैल रही प्रदूषण तथा हाथियों द्वारा किए जा रहे उत्पात से हो रही नुकसान का मामला सामने रखा। उन्होंने कहा कि डैम के जलस्तर बढ़ने के साथ साथ प्रदूषण और हाथी की समस्या भी एक तरह से आपदा ही है। ऐसे में प्रशासन को इन गंभीर समस्याओं को संज्ञान में लेने की जरूरत है। देवाशीष राय ने पत्रकारों को बताया कि चांडिल डैम का जलस्तर 179 मीटर रखने का मांग किया गया है। उन्होंने कहा कि जलस्तर 179 मीटर से अधिक होने कि स्थिति में विस्थापितों के साथ मिलकर उग्र आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में विभिन्न कंपनियों द्वारा व्यापक पैमाने पर प्रदूषण फैलाने का काम किया जा रहा है। क्षेत्र के लोगों को प्रदूषण के कारण विभिन्न प्रकार की बीमारी हो रही हैं। तालाब, खेत, नदी, पेड़ दूषित हो रहे हैं। दूसरी तरफ जंगली हाथियों द्वारा आमजनमानस को क्षति पहुंचाई जा रही हैं। लोगों की जान माल की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। देवाशीष राय ने प्रशासन से अविलंब प्रदूषण नियंत्रण तथा हाथी नियंत्रण की दिशा में पहल करने की मांग की है। 

अनुमंडल कार्यालय में बैठक के दौरान पूर्व पंचायत समिति सदस्य गुरुचरण साव ने कहा कि चांडिल डैम के विस्थापितों ने देश हित में राज्य हित में अपने पूर्वजों की जमीन औने पौने दाम पर दे दी है। यहां विस्थापितों को विकास पुस्तिका और मुआवजा देकर पुनर्वास किया जा रहा है, जिसे परियोजना की सफलता बताई जा रही हैं। जबकि, धरातल पर भ्रष्टाचार हो रहा है। जिन विस्थापित परिवारों को उठाकर पुनर्वास स्थलों पर बसाया जा रहा है, वहां रोजगार के साधन नहीं है। चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं है, बच्चों को उच्च शिक्षा की नहीं मिल रही हैं। जबकि, पुनर्वास नीति के अनुसार तमाम सुविधा उपलब्ध कराने की बात कही गई हैं। उन्होंने कहा कि पॉलिटेक्निक कॉलेज में विस्थापित परिवार के विद्यार्थियों के लिए विशेष छूट अथवा प्राथमिकता दीए जाने की मांग किया । मौके पर कार्यपालक अभियंता, पुनर्वास पदाधिकारी, चांडिल बाध मत्स्यजीवी स्वावलंबी सहकारी समिति के अध्यक्ष नारायण गोप,, सचिव श्यामल मार्डी , मुखिया प्रतिनिधि बोनु सिंह सरदार, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीडीओ,सीओ , थाना प्रभारी आदि उपस्थित थे।
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