24 घंटे बाद भी वन विभाग ने अंचल अधिकारी को नहीं लिखा पत्र, वन विभाग पर उठने लगा सवाल, खबर छपने के बाद कार्यस्थल पर काम बंद
CHAKRADHARPUR : पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर-चाईबासा मुख्य मार्ग एनएच 75 (ई) महात्मा गांधी हाई और वन विभाग कार्यालय के बीच स्थित वन विभाग की जमीन खाता नंबर 266, प्लॉट नंबर 229, रकवा दो डिसमिल को अवैध तरीके से कब्जा किया जा रहा हैं। मामले में अंचलाधिकारी गिरजा नंद किस्कू द्वारा जमीन की जांच किए जाने के बाद भी 24 घंटा के बाद भी वन विभाग द्वारा उचित जांच और कार्रवाई करने के लिए अंचलाधिकारी को आवेदन नहीं दिया गया ।
इसका आराम से वन विभाग पर कई प्रकार का सवाल उठने लगा। स्काई वन विभाग की मिली भगत से तो जमीन का अतिक्रमण नहीं हुआ है ? बरहाल यह तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा। बता दें कि वन विभाग का जमीन को नगर परिषद कार्यालय चक्रधरपुर द्वारा चकधरपुर के पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष कृष्णदेव शाह अप फेकू साव के पुत्र विजय कुमार साह को 30 सालों के लिए वार्षिक किराए पर पट्टा में दिया गया है। यह एकरारनामा 6 फरवरी 2019 को तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा किया गया है। नगर परिषद 872 वर्गफीट जमीन को 12 रुपए प्रति वर्गफीट की दर से 10,464 रुपए वार्षिक किराए पर पट्टा में दिया गया है।
जबकि जानकारों की मानें तो नगर परिषद चक्रधरपुर कार्यालय द्वारा नियम को ताक पर रख कर सरकारी जमीन को बंदोबस्ती किया हैं। कहा जाता है कि कोई भी सरकारी जमीन का बंदोबस्ती करने का अधिकार सिर्फ उपायुक्त को होता है। वैसे में यदि वन विभाग की जमीन को नगर परिषद बंदबस्ती किया है तो वह पूर्ण रुप से गलत है। इतना ही नहीं एकरारनामा में दो गवाहों का हस्ताक्षर हैं, लेकिन उनका पता निर्धारित नहीं है। एकरारनामा में सिर्फ गवाहों का हस्ताक्षर हैं। उस पर भी संदेहास्पद है। इधर, वन विभाग के रेंजर ललन उरांव ने बताया कि वन विभाग की जमीन को नक्सा के आधार पर चहारदीवारी दिया जा रहा है।
लेकिन किसी कारणवश प्लॉट नंबर 229 की जमीन छूट गया है। अब उक्त जमीन को अवैध तरीके से कब्जा किया जा रहा है। जमीन किसकी है उसकी उचित जांच के लिए अंचलाधिकारी को आवेदन किए जाएंगे। उसकी विभागीय तैयारी किया जा रहा है। बता दें कि वन विभाग की उक्त जमीन को चहारदीवारी से घेर कर अवैध कब्जा किया जा रहा है। इसकी शिकायत मिलने पर मंगलवार को अंचलाधिकारी गिरजा नंद किस्कू द्वारा जांच किया गया था। फिलहाल जमीन की पक्की करने कार्य पर रोक लगा दिया गया है। बुधवार को खबर छपने के बाद कार्य स्थल पर काम भी बदं हैं।