एक लापता पिता की बेटी एवं एक ड्रॉप आउट बच्ची की केजीवीभी पोटका में हुआ नामांकन - पूर्व जिला पार्षद करुणा मय मंडल का प्रयास लाया रंग

ज्ञात रहे पोटका प्रखंड के शंकरदा गांव से वर्ष 2022 को मजदूरी करने के नाम से बाहर गए संतोष कुमार भकत फिर वापस घर आज तक लौट के नहीं आए। उसके परिवार में कमाने वाला ना तो पिता है और ना ही भाई - कोई पुरुष सदस्य नहीं है। जिसके कारण संतोष के पत्नी सावित्री भकत को दैनिक मजदूरी करके अपने तथा दो नाबालिग बच्चों की पेट पालने पड़ते हैं। ऐसे में समुचित शिक्षा एवं सुरक्षा के लिए उनके दिल में अपनी बच्ची बबिता भकत को केजीवीभी पोटका में दाखिला करवाने की इच्छा जगी तो उन्होंने अपने गांव के पूर्व जिला पार्षद करुणा मय मंडल को अपना दु:खड़ा सुनाते हुए बेटी की नामांकन की बात कही।

ऐसे ही डोमजुड़ी पंचायत के गांव डोमजुड़ी के ही एक गरीब दैनिक मजदूर चांदराय सोरेन के बेटी रानी सोरेन जो अपना मामा घर में रहकर पढ़ाई कर रही थी विशेष दिक्कतों के कारण 'ड्रॉप आउट' हो गई थी। उनके पिता चांदराय सोरेन के अनुरोध पर पूर्व पार्षद श्री मंडल स्वयं उनके साथ रानी के स्कूल मुसाबनी के उत्क्रमित मध्य विद्यालय छौबिशा से विद्यालय स्थानांतरण प्रमाणपत्र लाकर केजीवीभी पोटका में नामांकन करवाने का प्रयास किए।

अंतत: पूर्व जिला पार्षद करुणा मय मंडल के प्रयास से आज ये दोनों ही बच्चियों की नामांकन केजीवीभी पोटका में हो गई। दोनों जरूरतमंद बच्चियों की नामांकन हो जाने पर जंहा उनके माता पिता श्री मंडल को दिल से आभार व्यक्त किए वंही श्री मंडल द्वारा उनके उज्वल भविष्य के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दिए।
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