Ichagarh Elephant Terror : ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र के चांडिल डैम जलाश्य में गजराज का आतंक, ग्रामीण भयभीत
ईचागढ़ : सरायकेला जिला के ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र के चांडिल डैम जलाश्य में गजराज की झुंड जलक्रीड़ा करते देखा गया। डूबी क्षेत्र में आए दिन दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी छोड़कर भोजन पानी की तलास में गजराज का 15 की संख्या झुंड जिसमे बेबी हाथी चार की संख्या में भटकते हुए ग्रामीण क्षेत्र पहुंच गया ।
साथ ही घर में रखे अनाज और धान को अपना निवाला बना रहा है । गरीब किसान खेती करने के लिए विभिन्न प्रकार की धान की बीज खरीद कर घर में रखे थे ,उसे भी नही छोड़ा गजराज का झुंड ।
गजराज का झुंड इस क्षेत्र में विचरण करते हुए डेरा डाले हुए है।
इतना बड़ा सेंचुरी रहने के वाबजूद दलमा गज परियोजना से गजों का पलायन करने पर वन विभाग के पास अबतक कोई जवाब नही है ।
22 जून के तड़के सुबह मिली जानकारी के अनुसार - कुकड़ू प्रखंड क्षेत्र के जानूम पलासडीह और केंदाआन्दा स्थित सुवर्णरेखा नदी चांडिल डेम के किनारे में दर्जनों गजराज के वेबी हाथी मजूद है।
इस क्षेत्र में जंगली गजराजों का भ्रमण शील जगह बताया जाता है । इस क्षेत्र में पर्याप्त भोजन पानी उपलब्ध है ।
बारों महीना इस क्षेत्र में किसान द्वारा खेती बाड़ी करते रहते । जिसे गजों को भूख मिटाने के लिए ।यह जगह आश्रयनी बना है।
चांडिल वन क्षेत्र के पदाधिकारी मैनेजर मिर्धा और वनपाल को ग्रामीण को सूचना देने के वाबजूद एलिफेंट ड्राइव टीम को नही भेजा गया।ग्रामीण शाम ढलते ही गांव से बाहर जाने की हिमत जुटा नही पाता।कब मौत बनाकर झुंड घर के आंगन में खड़े हो। जिसका डर हमेशा लगा रहता,ओर ज्वानमाला की सुरक्षा खुद उठाते हे साथ ही ईश्वर भरोसे जीने पर मजबूर है ।