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पति की लंबी आयु के लिए वट सावित्री की पूजा:महिलाओं ने वट वृक्ष में धागा लपेटकर की परिक्रमा, सावित्री और सत्यवान की कथा भी सुनी

जगन्नाथपुर संवाददाता : जगन्नाथपुर व हाटगम्हरिया प्रखंडों में गाँव से लेकर शहरों इलाकों तक सुहागिन महिलाओं ने वट सावित्री की पूजा अर्चना कर अपने पति की लंबी उम्र की कामना की। इस दौरान महिलाओं ने पति की अखंड सौभाग्य और दीर्घायु की कामना के जगन्नाथपुर के राम महावीर मंदिर ,शिव मंदिर व कोचड़ा गाँव के बलिया हाट शिव मंदिर में वट सावित्री पूजा धूमधाम से सुहागिन महिलाओं बरगद पेड़ की पूजा की और आशीर्वाद लिया। 

बताया जाता है कि यह दिन सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, सावित्री नाम की महिला ने अपने सुहाग यानि पति के प्राणों की रक्षा के लिए वट वृक्ष के नीचे यमराज की पूजा की, जिससे प्रसन्न होकर यमराज ने सत्यवान की आयु बढ़ा दी। सुहागन स्त्रियां सावित्री की तरह वटवृक्ष के नीचे पूजा करती हैं और पति की लंबी आयु की कामना करती हैं।

हिंदू धर्म में महिलाएं पति की लंबी आयु और स्वास्थ्य की कामना में कई व्रत रखती हैं। इनमें एक प्रमुख व्रत है वट सावित्री का व्रत। यह व्रत ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को रखा जाता है। इस वर्ष यह व्रत गुरुवार को था। इस दिन महिलाएं वट सावित्री का व्रत रखकर बरगद के वृक्ष की पूजा करती हैं। महिलाएं देवी सावित्री के पति प्रेम और पतिव्रत धर्म को स्मरण कर अखंड सौभाग्य के लिए प्रार्थना करती हैं।

कठोर तपस्या से सावित्री ने यमराज को अपने पति सत्यवान के प्राण लौटाने पर विवश कर दिया था। यमराज ने वटवृक्ष के नीचे ही सत्यवान के प्राण लौटाए थे और वरदान भी दिया था कि जो सुहागिनें वटवृक्ष की पूजा करेंगी, उन्हें अखंड सौभाग्यवती रहने का आशीर्वाद मिलेगा।कोचड़ा के ग्रामीण महिलाओं ने अपने आराध्य की पूजा अर्चना की जहां मुख्य रूप से बामेष बेहरा , कृष्णदेव कुम्हार, सरत, बृजेश, तपन, सूरज,गिरिजा का मंदिरों में काफी योगदान रहा।
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