प्रांतीय कबड्डी एवं खो -खो प्रतियोगिता के कबड्डी प्रतियोगिता में सरस्वती विद्या मंदिर, सिनीडीह का सर्वोत्तम प्रदर्शन
प्रतिभा किसी का मोहताज नहीं होता-राकेश सिन्हा
मधुबन थाना क्षेत्र विद्या विकास समिति झारखंड, के तत्वावधान में आयोजित 35 वां प्रांतीय कबड्डी एवं खो-खो प्रतियोगिता जो दिनांक 28 जून 2024 से 30 जून 2024 तक देवनगर, दुग्धा में आयोजित था, इस प्रतियोगिता में सरस्वती विद्या मंदिर, सिनीडीह के तरुण वर्ग ने प्रथम स्थान प्राप्त कर विजेता बनने का गौरव प्राप्त किया। विद्यालय के लिए यह सत्र-2024-25 में प्रथम सर्वोत्तम उपलब्धि रही।
इस प्रतियोगिता में पूरे झारखंड प्रांत से 800 भैया -बहनों ने भाग लिया था।इस कबड्डी प्रतियोगिता में भाग लेने वाले भैया-सुशील कुमार यादव (कप्तान), आशीष कुमार (उप कप्तान), अनीश कुमार, कुणाल रंजन, दीपक कुमार, दीपांशु कुमार, शुभम कुमार, अनुज कुमार, सूरज कुमार, सतीश कुमार, कार्तिक कुमार, एवं सूरज महतो थे।इनका फाइनल मुकाबला स्थानीय विद्यालय देवनगर, दुग्धा से हुआ, जहां इन्होंने प्रथम स्थान प्राप्त कर विद्यालय एवं विद्या विकास समिति, झारखंड का नाम रोशन किया।
अपने उद्बोधन में विद्यालय के प्राचार्य राकेश सिन्हा ने कहा कि प्रतिभा किसी का मोहताज नहीं होता। समय-समय पर केवल उसे तरसते रहने की आवश्यकता है। इस विद्यालय का खेल के क्षेत्र में एक गौरवशाली इतिहास रहा है, जहां से प्रतिवर्ष प्रांतीय, क्षेत्रीय एवं अखिल भारतीय प्रतियोगिताओं में भैया -बहनों की सहभागिता होती है, और वह उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं। उन्होंने कहा कि विद्यालय के वरिष्ठ शारीरिक आचार्य मदन मोहन राय ने भैया- बहनों को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है, वह सराहनीय है।
उन्होंने विद्यालय के शारीरिक आचार्य प्रवीण कुमार दास की भी प्रशंसा की और कहा कि इनके अथक प्रयास से ही आज विद्यालय को यह गौरव हासिल हुआ है। प्रांतीय प्रतियोगिता में विजेता बनने के बाद यह सभी भैया 16 एवं 17 जुलाई 2024 को क्षेत्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने सरस्वती विद्या मंदिर, लोहरदगा जाएंगे, जहां बिहार और झारखंड दोनों क्षेत्र के भैया -बहनों की प्रतियोगिता होगी, यह सूचना विद्यालय के शारीरिक आचार्य मदन मोहन राय ने दी। आज दिनांक -01जुलाई2024 को वंदना सभा में सम्मान समारोह आयोजित कर विजेता टीम को सम्मान पत्र एवं मेडल देकर सम्मानित किया गया। समारोह को आयोजित करने में विद्यालय के आचार्य अशोक कुमार सिंह, नवल किशोर झा निशा तिवारी,राजेश कुमार कुमारी नमिता के साथ-साथ सभी आचार्यों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।