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बंगाल से आलू का खेप नही आने से झारखंड में आलू के दामों में हो रही बेतहाशा वृद्धि


रांची - आलू का रसोई रसोई से गायब होने से गृहणियों का बकबक अक्सर सुनने को मिलती हैं। हर सब्जी के साथ मिलने वाले आलू जो खुद ही सब्जी का राजा है। और आलू गरीबों के थाली से इस समय गायब हो गया है। आलू अभी 35 से 40, रूपये खरीदना पड़ रहा है। घर के कीचन में सब्जी में सबसे अधिक प्रयोग आलू का ही होता है। कुछ भी सब्जी नहीं रहे तो आलू का चोखा, आलू भूजीया , आलू दम , आलू करी आदि कई तरह के आलू का सब्जी बनाया जा सकता है। 

झारखंड में आलू का किल्लत से आलू का दामों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। बताया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल से आलू का खेप नही पहुंचने से यहां आलू का किल्लत देखने को मिल रहा है और अधिक दामों से लोगों को आलू खरीदना पड़ रहा है। बंगाल सरकार द्वारा आलू को अपने राज्य से अन्य राज्यों में जाने नहीं दिया जा रहा है। झारखंड सीमावर्ती के बंगाल क्षेत्र में आलू लदे वाहनों को झारखंड सीमा पार होने पर रोक लगा दिया गया है।

 बंगाल के झारखंड सीमा पर आलू लदे वाहनों को दो दिनों से रोक कर रखा गया है, जिससे वाहन चालक भी परेशान हैं और गंतव्य तक आलू नहीं पहुंचने की स्थिति में आलू वाहन के मालिकों को भी घाटे उठाने पड़ रहे हैं। पुरूलिया जिला के बलरामपुर में झारखंड सीमा चेकनाका में बंगाल पुलिस सैकड़ों आलू लदे ट्रक को लाइन लगाकर खड़ा कर दिया गया है और सैकड़ों ट्रकों को फिर बंगाल ही वापस कराया जा रहा है। 

 अगर इस तरह से आलू आयात पर रोक जारी रहेगा तो लोगों को 50-60 रूपए में भी आलू मिलना मुश्किल हो जाएगा और आलू का कालाबाजारी से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। झारखंड सरकार को इस संबंध में तत्काल कदम उठाते हुए बंगाल सरकार से बात कर आलू आयात पर रोक को समाप्त करने की दिशा में पहल करने की जरूरत है।
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