कितना झूठ बोलते हैं रेल जीएम ... रेलवे अस्पताल में 23 मरीज भर्ती थे 8 को मिला मुआवजा
✍️Rajeshwar Pande
chakradharpur : चक्रधरपुर रेल मंडल के बड़ाबाम्बू राजखरसंवा में हुए रेल हादसे के बाद रेलवे के सुरक्षित ट्रेन परिचालन पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. इसी बीच रेल हादसे में हताहत हुए लोगों की संख्या को लेकर भी अब रेलवे सवालों के घेरे में है. रेलवे पर अब आरोप लग रहा है की रेलवे ने रेल हादसे में घायल हुए यात्रियों की संख्या को छुपाया है. रेल हादसे के बाद रेलवे अस्पताल में तक़रीबन 23 से रेल यात्रियों को घायल होने के बाद लाया गया था और उनकी चिकित्सा जाँच कर अस्पताल में भर्ती किया गया था .
लेकिन दक्षिण पूर्व रेलवे के जीएम ने मात्र 8 लोगों के घायल होने की पुष्टि की थी. और रेलवे ने आठ लोगों का मुआवजा भी दिया। जबकि बाकी लोगों को कोई मुआवजा नहीं मिला है ।इसको लेकर अब पुरे चक्रधरपुर रेल मंडल में चर्चा का बाज़ार गर्म है की रेलवे झूठ बोलती है. जबकि दर्जनों मरीजों का प्राथमिक उपचार का छोड़ दिया गया था। जिसका आंकड़ा रेलवे का पास नहीं है।
ऐसे में घायल हुए यात्रियों की संख्या को भी छुपाने का आरोप रेलवे पर अब लगने लगा है. लोगों का कहना है की हादसे में घायल रेल यात्रियों की संख्या कम कर रेलवे इस रेल हादसे को कमतर आंकना चाहती है. ताकि उनपर रेलवे बोर्ड और रेल मंत्रालय का दबाव कम हो. कुछ लोग यह भी बता रहे हैं की संख्या कम कर रेलवे मुआवजा में बांटने वाली राशी को भी बचाना चाहती है. रेलवे के झूठे तथ्यों से रेलवे पर आम लोगों का विश्वास उठ रहा है.
लोगों का कहना है की अब उन्हें ट्रेन में सफ़र करने से डर लगता है क्योंकि लगातार रेल हादसे हो रहे हैं. ऐसे में अगर हादसे का शिकार भी हो गए तो रेलवे उन्हें मुआवजा नहीं देगी और ना ही उनका ईलाज करेगी। इसमें सिर्फ 8 यात्रियों को बुधवार को राशि देकर रेलवे अस्पताल से मरीज को छुट्टी दे दी गई। जिन मरीजों को राशि दिए दी गई है उन्हें रेलवे सड़क मार्ग से कोलकाता तक भेजने की व्यवस्था किया था।