ट्रेन से लेकर स्टेशन तक धड़ल्ले से अवैध वेंडिंग का चल रहा कारोबार, कमर्शियल विभाग समेत सुरक्षा एजेंसी है खामोश
Chakradharpur : दक्षिण पूर्व रेलवे चक्रधरपुर रेल मंडल के टाटानगर, चक्रधरपुर , राउरकेला से झारसुगड़ रेल मार्ग से गुजरने वाली लगभग सभी ट्रेनों में और रेलवे स्टेशन पर अवैध वेंडर धड़ल्ले से बेरोकटोक खाद्य सामग्री बेच रहे हैं।
भले ही ये अवैध वेंडिंग का कारोबार झारसुगड़ा से लेकर चक्रधरपुर टाटा के बीच चल रही हो। लेकिन इन अवैध भेंडारो का राजधानी राउरकेला है। राउरकेला से रोजाना करीब 150 से भी ज्यादा अवैध भेंडर इन दिनों स्टेशन से लेकर ट्रेनों में अवैध रूप से खाद्य सामग्री से लेकर अन्य चीजों की बिक्री कर रहे हैं। खुलेआम हो रहे इस अवैध कारोबार पर राउरकेला सीआई अतुल घोष और आरपीएफ विभाग की नजर रहती है लेकिन इस पर कारवाई नहीं होती है।अवैध भेंडरो को किसी का भी खौफ नहीं रहता, ना आरपीएफ ना जीआरपी और ना ही कमर्शियल इंस्पेक्टर, वे ट्रेन और स्टेशन में आरपीएफ के सामने ही अवैध वेंडिंग करते नजर आते हैं।
रेलवे स्टेशन पर स्टॉल संचालक भी अवैध वेंडरों से परेशान हैं। उनका कहना है कि अवैध रुप से रेलवे स्टेशन पर सामग्री बेचने से उनके लाइसेंसी स्टालों की बिक्री घाट जाती है और उन्हें भारी आर्थिक नुकसान रोजाना सहना पड़ता है। उनके स्टाल का किराया भी नहीं निकल पा रहा है। रेलवे प्रशासन की खामोशी के कारण दिन प्रतिदिन अवैध वेंडरों का वर्चस्व और गुंडई रेलवे क्षेत्र में बढ़ता ही जा रहा है। पिछले दिनों एक पेंट्रीकार के मैनेजर और उसके कर्मियों को भी राउरकेला में अवैध वेंडरों ने पिटाई कर दी थी और जान से मारने की धमकी दी थी.
पेंट्रीकार के मैनेजर को राउरकेला में अवैध वेंडरों ने दादागिरी दिखाते हुए राउरकेला स्टेशन में ट्रेन खड़ी रहने पर खाद्य सामग्री बेचने से मना किया गया है. अवैध वेंडर के सामने आरपीएफ जीआरपी और कमर्शियल इंस्पेक्टर सब खामोश रहते हैं. रेल यात्रियों की माने तो आरपीएफ और कॉमर्शियल विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के कारण ही अवैध वेंडरों का कारोबार स्टेशन से लेकर ट्रेन के अन्दर तक चलता है. सबसे ज्यादा राउरकेला स्टेशन से ही ट्रेनों में अवैध वेंडर सवार होते हैं. सवाल यह उठता है की रेल यात्रियों को सुरक्षा देने का दावा करने वाला रेल प्रशासन अपने ही लाइसेंस धारी दुकानदारों को और पेंट्रीकार मैनेजरों को सुरक्षा नहीं दे पा रही है तो अवैध वेंडर से रेल यात्रियों को कैसे सुरक्षा दे पायेगी.