--ADVERTISEMENT--

एनजीटी ने नदी से बालू निकासी पर रोक लगाने के बाद बालु की कालाबजारी,दोगुने दामो मे बिक्री जोरो पर ,जनता हो रही है परेशान और जिला खनन पदाधिकारी धृतराष्ट्र बने हुए है l सीएम संज्ञान ले

विजय शंकर नायक

आज उपरोक्त बातें आज संपूर्ण भारत क्रांति पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव झारखंड छत्तीसगढ़ प्रभारी विजय शंकर नायक ने बालू की हो रही कालाबाजारी किए जाने पर आज अपनी प्रतिक्रिया में उक्त बातें कही । इन्होंने आगे कहा कि NGT की रोक के बाद भी बालू की कालाबाजारी शुरू हो गई है , दोगुने दामों पर हो रही है बिक्री आमजन उठा रहे है परेशानी ।
एनजीटी के नदी से बालू निकासी पर रोक के बाद रांची में बालू की कालाबाजारी शुरू हो गई है। यहां 3000 रुपये का बालू 6000 रुपये प्रति ट्रेक्टर बेचा जा रहा है। ऐसे में लोगों को अपने घर का निर्माण करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 

श्री नायक ने आगे बताया की एनजीटी ने 10 जून से 15 अक्टूबर तक लगा रखी है बालू के उत्खनन पर रोक लगा दिया है फिर भी आज संपूर्ण झारखंड के विभिन्न जिलो के नदियों से बालू की निकासी एवं अवैध उत्खनन जोरों से जारी है और जिला प्रशासन व जिला खनन पदाधिकारी धृतराष्ट्र बन कर आंख मूंदकर सब देख कर अवैध खनन का खेल को बढ़ावा दे रहे है ।शहर में 6000 रुपये में बिक रहा 3000 रुपये वाला 100 सीएफटी बालू ।

श्री नायक ने आगे कहा की मई और जून माह में लोग अपने घरों का निर्माण करते हैं, जिससे बालू की जरुरत बढ़ जाती है। जनवरी माह में सभी शहरो में बालू 3000 रुपये प्रति 100 सीएफटी बेचा जा रहा था। वहीं मार्च में इसके दाम बढ़कर 4000 रुपये हो गये। अब 6000 रुपये में एक ट्रेक्टर बालू शहरो में बेचा जा रहा हैऔर प्रशासन और खनन विभाग कर रहा अनदेखी ।आज नदी के अंदर भी सुरक्षित नहीं बालूमाफिया किस्म के लोग अवैध बालू की निकासी धडल्ले से कर रहे हैं। इसको रोकने वाला कोई नहीं है। बालू माफिया नदी में पहले ट्रेक्टर जाने का रास्ता बनाते हैं, इसके बाद जिस घाट में अधिक बालू है वहां जेसीबी मशीन लगा कर 8-10 ट्रेक्टर से बालू को नदी से निकाल कर एक किनारे डंप किया जाता है।वहीं दूसरी ओर जहां बालू पानी के अंदर रहता है तो 6 ड्रामों के ऊपर पट्टा बांध कर मजदूर नदी के अंदर से बालू निकाल कर पट्टा में जमा करते हैं। उसके बाद बालू को किनारे लाकर ट्रेक्टरों में भरा जाता है। इससे नदी का जीवन भी बालू माफिया खत्म करते हैं।

इन्होंने आगे बताया कि रात और सुबह 3:30 बजे में होता है बालू का बड़ा कारोबार ।नदी से निकाल कर डंप किये स्थान से बालू माफिया ट्रेक्टर, डंपर व हाईवा में बालू की सप्लाई करते हैं। शहर में नो इंट्री खुलते ही ट्रकों के साथ अवैध बालू भी बड़े स्तर पर पार होता है। 
*श्री नायक में आगे कहा कि मुख्यमंत्री को व्यक्तिगत रुचि लेकर इस बालू के अवैध व्यापार को रोकने की दिशा में विशेष टास्क फोर्स का गठन कर 24 घंटा छापामारी अभियान चलाना चाहिए ताकि नदी का भी जीवन बच सके और आम जनता को भी भालू के कीमतों से राहत मिल सके।
Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url

 --ADVERTISEMENT--

 --ADVERTISEMENT--

RECOMMENDATION VIDEO 🠟

 --ADVERTISEMENT--

 --ADVERTISEMENT--