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मुंशी जी के 10 चर्चित कहानियों का नाट्य रूपांतरण की पुस्तक का हुआ विमोचन

जमशेदपुर: आंध्रा एसोसिएशन प्रेक्षागृह कदम, जमशेदपुर की नाट्य संस्था जयालक्ष्मी नाट्य कला मंदिरम के निर्देशक, रंगकर्मी ए बाबूराव के द्वारा कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी के 10 चर्चित कहानियों का नाट्य रूपांतरण का विमोचन किया गया। इस मौके पर शहर के जाने-माने अभिनेता नाट्य निर्देशक, कला प्रेमी और समाज सेवियों की उपस्थिति रही। मौके पर सभी अतिथियों को पौधा देकर उनका स्वागत किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रचलित से हुआ। पुस्तक विमोचन से पहले ए बाबू राव ने कहा कि यह मेरे द्वारा लिखे गए इस तरह की प्रथम पुस्तक है, जिसमें मैं कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी के चर्चित 10 कहानियों पर नाट्य रूपांतरण किया हूं। 


मुझे बताते हुए अपार हर्ष महसूस हो रहा है कि आज के इस ऐतिहासिक दिन में हमारे साथ हमारी खुशी को बांटने के लिए इतने बड़े-बड़े विभूतियां हमारे साथ यहां मौजूद है। अगर मैं शुरुआत की बात करूं तो मुझे आज भी याद है कि उस कोरोना काल जहां मैं खुद को अस्वस्थ महसूस कर रहा था, क्योंकि उस समय अखबार, टीवी के साथ-साथ आम लोगों के माध्यम से यह सूचनाओं मिल रही थी कि आज यहां अप्रिय घटना हुई, वहां अप्रिय घटना हुई, ऐसा हुआ, वैसा हुआ, और मैं भी अस्वस्थ था। तभी मेरे अनुज शहर चाईबासा की नाट्य संस्था सृष्टि चाईबासा के संस्थापक निदेशक रंगकर्मी प्रकाश कुमार गुप्ता ने दूरभाष के माध्यम से लगातार मेरे संपर्क में रहते थे, उन्होंने मुझे प्रेरित करते हुए कहा कि आप अपना ध्यान उस तरफ से हटाइए और जो आपकी काबिलियत है, जिसमें आपकी महारत है, उस पर लगाइए।


 मैं उनकी बातों से प्रेरित होते हुए यह जोखिम उठाया और कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी की 10 कहानियों पर यह नाट्य रूपांतरण किया। यह भी सच है कि नाट्य रूपांतरण के बाद प्रकाशन में भी मुझे बहुत संघर्ष करना पड़ा। लेकिन कहते हैं न कि "समय से पहले और भाग्य से ज्यादा न मिला है और न ही मिलेगा"। आज मेरे लिए बहुत ही अहम दिन है। मैं आज के इस कार्यक्रम में विशेष रूप से अपने गुरु सी भास्कर राव जी को विशेष नमन करता हूं, धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुझे पग पग पर अपना मार्गदर्शन दिया और इस मुकाम तक पहुंचने में अपनी सारी ऊर्जाएं, सारा ज्ञान दी है, जिसका मैं का उम्र ऋणी रहूंगा। मैं अपनी पत्नी को भी धन्यवाद देता हूं कि उसने मुझे हर पग पग पर अपना सहयोग अपना समर्थन दिया। 

पुस्तक के विमोचन होने के बाद डॉक्टर सी भास्कर राव, नाट्य निर्देशक सह रेडियो गायिका कृष्ण सिन्हा, डॉक्टर राजेश कुमार पांडे, शाहनवाज आलम, चंद्रदेव, अनवर आबिद, प्रशांत सिंह, अंजनी पांडे, गोविंद माधव शरण, संस्था की मुख्य संरक्षक विनीत शाह, विनोद कोउंटिया, संजीव कुमार चौधरी, एमपी राव, नागेश राव, के श्रीनिवासन राव और प्रकाश कुमार गुप्ता ने संयुक्त रूप से बाबूराव के किए गए कार्यों की प्रशंसा की और आगे के लिए शुभकामनाएं दी। बताते चले की नाट्य संस्था जया लक्ष्मी नाट्य कला मंदिरम अपने 29वे वर्षगांठ को मना रही है। इस अवसर पर भी उपस्थित अतिथियों ने आगे के लिए शुभकामनाएं दी। पुस्तक विमोचन के इस कार्यक्रम में गणेश वंदना से प्रेरणा कुमारी ने दर्शकों और कला प्रेमियों को मंत्र मुग्ध कर दिया।

इस कार्यक्रम में मुंशी जी की कहानी "घासवाली" का नाट्य रूपांतरण एवं निर्देशक ए बाबू राव की एक नाट्य झलक दिखाई गई, जिसका पूर्ण नाटक का मंचन दिसंबर माह में 25वीं अखिल भारतीय अंतर विद्यालय हिंदी नाट्य, लोक नृत्य, गीत एवं वाद्य यंत्र प्रतियोगिता 2024 में किया जाएगा। कार्यक्रम के अंत में कुमारी प्रियंका दत्ता (तबला वादिका) ने अपने मधुर स्वर से सभी अतिथियों का प्यार आशीष प्राप्त किया। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन संस्था के निदेशक ट्रस्ट की ए बाबूराव ने की।
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