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कोयला और स्क्रैप के बाद अब डीजल की चोरी

Chakradharpur : बंडामुंडा आरपीएफ के बाद अब बिमलगढ़ आरपीएफ सुर्खियों में आ गए है। जहां बंडामुंडा रेलवे यार्ड में कोयला और स्क्रैप चोरी का मामला इन दिनों सुर्खियों में है वहीं अब बिमलगढ़ आरपीएफ अंतर्गत पाटासाही रेलवे स्टेशन पर बड़े पैमाने पर हुई डीजल तेल की चोरी का मामला पूरे चक्रधरपुर रेलमंडल में चर्चा का विषय बना हुआ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार 14 अगस्त की रात पाटासाही रेलवे स्टेशन पर खड़ी एक डीजल रेल इंजन से चोरों ने लगभग 600 लीटर से अधिक डीजल चोरी कर लिया है। जिसे लेकर बिमलगढ़ आरपीएफ हरकत में आ गए है। मालूम हो कि चोरों ने उस वक्त घटना को अंजाम दिया जब स्टेशन यार्ड में रेल इंजन सट डाउन था।

 लेकिन रेलवे स्टेशन के यार्ड में इस तरह की चोरी के बाद आरपीएफ की भूमिका एक बार फिर संदेह के घेरे में आ गई है। इतने सारे डीजल को ट्रेन से चुराने में चोरों को भी काफी मशक्कत करनी पड़ी होगी। क्यों की कम समय में इतना सारा डीजल नहीं चुराया जा सकता है। ऐसे में लोगो के मन में यह सवाल उठ रहा है कि जब तेल की चोरी हो रही थी तब ड्यूटी में तैनात आरपीएफ कर्मी कहा गए थे। फिलहाल रेलवे के तरफ से मामले की लीपापोती शुरू कर दी गई है। 

गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों से बिमलगढ़, चांदीपोष, पटासाही और रंगड़ा रेलवे स्टेशनों पर अवैध कोयला कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है, स्थानीय आदिवासी ग्रामीणों ने इस अवैध कारोबार के खिलाफ आवाज भी उठाई है। आरपीएफ और कोयला माफियाओं की सांठगांठ से चल रहा यह कोयला और स्क्रैप का कारोबार अब आरपीएफ की अवैध कमाई का मुख्य जरिया बन गया है। रेलवे स्टेशन में खड़ी रेल इंजन से डीजल चोरी के मामले ने अब आरपीएफ की ड्यूटी पर सवाल खड़े कर दिये हैं। 

मालूम हो कि रेलवे इंजन से डीजल चोरी करने वाले स्थान पर आरपीएफ जवानों की नियमित ड्यूटी रहती है। बाबजूद आरपीएफ की मौजूदगी में इस तरह की चोरी के बाद लोगों द्वारा घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग की जा रही है।
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