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Ichagarh elephant death : चोगाटांड़ गांव में एक गर्भवती मादा हाथी की मौत, पेट से निकला मृत शिशु

ईचागढ़ - सरायकेला-खरसावां जिला के ईचागढ़ प्रखंड क्षेत्र के कुटाम टोला चोगाटांड़ गांव में एक गर्भवती मादा हाथी की संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गई है। पोस्टमार्टम दौरान मृत शिशु भी पेट से निकला गया। रविवार की सुबह एक मृत मादा हाथी की मृत्यु की सुचना मिलते ही लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। लोग अगरबत्ती जलाकर व पुष्प अर्पित कर पूजा अर्चना करते भी देखे गए। वहीं ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दिया। सुचना मिलते ही वन क्षेत्र पदाधिकारी मैनेजर मिर्धा, चिकित्सा पदाधिकारी डा0 हरेलाल महतो, थाना के एएसआई मनिंदर सिंह मौके पर पहुंचे व मृत हाथी का मुआयना किया। पशु चिकित्सा पदाधिकारी डा0 हरेलाल महतो व टीम द्वारा पोस्टमार्टम किया गया। मृत हाथी के पेट से नवजात शिशु मृत अवस्था में निकाला गया।पोस्टमार्टम के बाद जेसीबी मशीन से वहीं पर गढ्ढा खोदकर दफनाया गया। 

वन कर्मियों का हड़ताल के चलते वन विभाग के वन कर्मी ंनदारद रहे । क्षेत्रीय वन रक्षी कैलाश महतो अपने स्वविवेक से जरूर पहुंचे व मृत हाथनी का मुआयना कर आला अधिकारियों को सुचित किया। वहीं वन क्षेत्र पदाधिकारी मैनेजर मिर्धा ने कहा कि हाथनी का उम्र करीब 15 से 20 वर्ष है। हालांकि मृत्यु का कारण बताने में असमर्थता जाहिर किया। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद के बाद ही इस संबंध में कुछ भी कहा जा सकता है। वहीं चिकित्सा पदाधिकारी डा0 बिष्णु शरण महतो ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही कुछ बताया जा सकता है।

 उन्होंने कहा कि जो बच्चा मृत निकला व पुरी तरह तैयार है। करीब डेढ़ साल पहले भी कुटाम जंगल में एक हाथी की मौत हो गई थी । करीब 4 वर्ष पूर्व पिलीद जंगल में भी एक हाथी की मौत हो गई थी। 9 जुन को कुकड़ु के लेटेमदा में रेल हादसे में एक हाथी की मौत हो गई थी। जुगीलोंग में एक नवजात हाथी,सापारूम में एक हाथी व सीरूम जंगल में एक हाथी की मौत हो चुकी है। वहीं नीमडीह के अंडा गांव में कुआं में गीरने से एक हाथी की मौत हो गई थी।

 वर्ष 2000 से अब तक करीब डेढ़ सौ से भी अधिक विभिन्न घटनाओं से हाथीयों की मौत हो चुकी है। हाथीयों का मौत की शील शीला रूकने का नाम नहीं ले रहा है। राज्य और केंद्र सरकार भी इस दिशा में आज तक कोई साकारात्मक पहल नही किया है, जिससे हाथियों का विभिन्न कारणों से हो रहा मृत्यु दर को कम किया जा सके। बताया जा रहा है कि बीते रात 10-12 हाथियों का झुंड चोगाटाड़ गांव में विचरण करते देखा गया था और सुबह एक हाथनी की संदिग्ध हालात में मृत शरीर पड़ा हुआ मिला,जो जांच का विषय है।

 हांलांकि चिकित्सकों का टीम व वन विभाग के आला अधिकार के देखरेख में पोस्टमार्टम किया गया। मृत हाथी के अंदर के कुछ मुख्य अंगों को फोरेंसिक जांच के लिए भी भेजने की बात किया जा रहा है।आखिर हाथनी का मौत का कारण क्या है? लोगों में भी इस संबंध में तरह तरह की अटकलें लगाई जा रही है। लौकी खेती के बगल में ही संदिग्ध रूप से हाथी की मौत होना अपने आप में ही कई सवाल खड़े कर रहे हैं। हालांकि इस संबंध में पदाधिकारियों ने किसी भी तरह का स्पष्ट जानकारी नहीं दे पा रहे हैं।
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