राउरकेला स्टेशन के अवैध वेंडर की गुंडागर्दी, ट्रेन में घुसकर पेंट्रीकार मैनेजर को पीटा, अब तक थाना में मामला नहीं हुआ दर्ज
राउरकेला स्टेशन में सीआई और आरपीएफ के संरक्षण में होता है अवैध वेंडिंग का कारोबार
Rourkela : दक्षिण पूर्व रेलवे चक्रधरपुर रेल मंडल के राउरकेला रेलवे स्टेशन में अवैध वेंडिंग का कारोबार खत्म होने के नाम ही नहीं ले रहा है। सीआई से लेकर आरपीएफ तक अवैध वेंडर पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। जिसका नतीजा शुक्रवार की मध्य रात्रि में देखने को मिला। मिली जानकारी के अनुसार ट्रेन संख्या 17008 दरभंगा सिकंदराबाद एक्सप्रेस ट्रेन में शुक्रवार की रात करीब 11 बजे जब राउरकेला जंक्शन पहुंचा तो राउरकेला के कुछ अवैध वेंडर ट्रेन में सवार हो गए। ट्रेन के खुलते ही अवैध वेंडर अपने अपने खाद्य सामग्री बेचना शुरू कर दिया।
इस दौरान ट्रेन के पेंट्रीकार मैनेजर ने अवैध वेंडरों को ट्रेन में अवैध तरीके से खाना बेचने से मना कर दिया। जिस पर ट्रेन में सवार हुए अवैध वेंडरों ने पेंट्रीकार मैनेजर की पिटाई कर दी। जिसके बाद ट्रेन के झारसुगुड़ा पहुंचते ही पेंट्रीकार मैनेजर ट्रेन से उतर कर राउरकेला लौट आए और शनिवार की सुबह राउरकेला जीआरपी में उनके साथ मारपीट करने वाले वेंडरों के नाम पर शिकायत दर्ज करवाई। इसकी सूचना मिलते ही अवैध वेंडरों ने भी पेंट्रीकार मैनेजर के खिलाफ राउरकेला जीआरपी में शिकायत की। इस तरह पेंट्रीकार मैनेजर और अवैध वेंडर पुरे दिन राउरकेला जीआरपी में बैठे रहे।
फिर शाम के समय जीआरपी ने कहा जिस जगह पर ट्रेन में मारपीट हुई है वह जगह झारसुगुड़ा जीआरपी के अधीन आता है। यह कहकर जीआरपी ने सभी को झारसुगुड़ा जीआरपी जाने को कह दिया। उल्लेखनीय है कि दो महीने पहले भी राउरकेला में अवैध वेंडरों ने एक अन्य ट्रेन की पेंट्रीकार मैनेजर की पिटाई कर दी थी। इसके अलावा तीन महीने पहले अवैध वेंडरों ने राउरकेला से राजगांगपुर के बीच एक रेल यात्री पर धार धार हथियार से हमला कर दिया था। सीधे तौर पर कहा जाए तो राउरकेला रेल स्टेशन में अवैध वेंडरों का ही राज है।
शायद यही कारण है कि अवैध होने के बावजूद भी यह वेंडर आरपीएफ और सीआई के सांठगांठ में अपने मनमानी करते हैं। लेकिन रेलवे प्रशासन ना तो इन अवैध वेंडरों पर कार्रवाई करती है और ना ही उन आरपीएफ अधिकारीयो व सीआई पर कोई कारवाई करती है जो इन अवैध वेंडरों को ट्रेन और स्टेशन में पनाह दे रही है।