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झारखण्ड राज्य अवर वन सेवा संघ अपनी माँगों को लेकर अनिश्चित्‌कालीन धरना प्रदर्शन पर

Chaibasa : झारखण्ड राज्य अवर वन सेवा संघ के आह्वान पर पश्चिमी सिंहभूम जिला के सभी वनरक्षी विभिन्न माँगों को लेकर 16 अगस्त से अनिश्चित्‌कालीन धरना प्रदर्शन पर हैं। बताया गया कि 07 अगस्त 2024 को झारखण्ड राज्य कैबिनेट द्वारा झारखण्ड राज्य अवर वन क्षेत्रकर्मी संवर्ग नियमावली, 2024 को स्वीकृत किया गया है, जिसमें 50 प्रतिशत वनपाल के पदों पर सीधी भर्ती की अनुशंसा की गई है, जो झारखण्ड राज्य अवर वन क्षेत्रकर्मी संवर्ग नियमावली, 2014 के कण्डिका 15(vii) के प्रावधान के विपरित प्रोन्नति को प्रभावित करने हेतु अलाभकारी संशोधन किया गया है। जिससे राज्य के समस्त वनरक्षियों में रोष व्याप्त है। नियमावली में अलाभकारी संशोधन न करने हेतु पूर्व में विभाग एवं सराकर को कई बार पत्राचार किया गया एवं अपनी बातों को रखने हेतु शिष्टमंडल वार्ता हेतु अनुरोध किया गया था, परन्तु विभाग और सरकार ने हमारी बातों को न मानकर नियुक्ति नियमावली 2024 को स्वीकृत किया है। साथ ही इस विभाग में हमारी सेवा काल को आज सात साल पूर्ण हो गये हैं। परन्तु आज तक हमें प्रधान वनरक्षी के पद में प्रोन्नति नहीं दिया गया है। हम धरना स्थल से सरकार से यह माँग करते हैं कि 5 साल पूर्ण होने की तिथि से हमें प्रोन्नति का लाभ मिलना चाहिए। इन मुद्दों के अलावा साथ-साथ पोड़ाहाट वन प्रमण्डल के वनरक्षी साथियों की तकलीफ पर गौर करना भी अति आवश्यक है। वन प्रमण्डल पदाधिकारी के प्रतिशोध पूर्ण रवैये के कारण पिछले लगभग पाँच महीनों से वेतन रोक कर रखा गया, जो कि हमारे वन सेवा संहिता के बिल्कुल विपरित है। इसके साथ ही जिले के समस्त वनरक्षी अतिसंवेदनशील माहौल में अपने विभागीय कार्यों का निष्पादन करते हैं तथा सुदूरवर्ती इलाके में पदस्थापित हैं। अतः सरकार से हक Fixed TA, राशि भत्ता एवं 10,000/- वर्दी भत्ता की माँग करते हैं।वर्त्तमान में विभाग लगभग वनपाल विहीन है एवं हमारे ही वनरक्षी साथियों को प्रभारी वनपाल बनाकर विभागीय कार्यों का निष्पादन हेन-केन प्रकारेण कराया जा रहा है। अधिकारियों द्वारा हमारे पदोन्नति को लेकर यह कहा जाता है कि हम प्रशिक्षित नहीं हैं, परन्तु वही अधिकारी वनपाल का प्रभार देते वक्त बातें भूल जाते हैं। विभाग पूरे राज्यभर में वनपाल के संपूर्ण पदों को कितने दिनों तक प्रभार में चला सकता है। इसकी जानकारी किसी अधिकारी के पास नहीं है। अतः माँग है कि जब तक सरकार नियुक्ति नियमावली, 2024 में अलाभकारी संशोधन को वापस नहीं करती है, तब तक समस्त वनरक्षी अनिश्चित्कालीन धरना प्रदर्शन में रहेंगे।
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