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जिला विधिक सेवा प्राधिकार चाईबासा के तत्वावधान में चाईबासा व्यवहार न्यायालय और चक्रधरपुर अनुमंडल न्यायालय में लोक अदालत का हुआ आयोजन

267 मामलों का हुआ निष्पादन, ₹ 1,86,500/– का हुआ समायोजन
रैफरल जजों और मध्यस्थो के मध्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित


चक्रधरपुर : झालसा के निर्देशानुसार और प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश  मोहम्मद शाकिर के मार्गदर्शन में जिला विधिक सेवा प्राधिकार पश्चिमी सिंहभूम चाईबासा के तत्वावधान में चाईबासा सिविल कोर्ट परिसर और चक्रधरपुर अनुमंडल न्यायालय में मासिक लोक अदालत का आयोजन किया गया, इस दौरान चाईबासा तथा चक्रधरपुर के न्यायालयों में बारह न्यायपिठों का गठन किया गया, मामलों की सुनवाई करते हुए कुल 267 मुद्दों का सफल निष्पादन किया तथा 1,86,500/– की राशि का समायोजन हुआ, प्राधिकार के सचिव श्री राजीव कुमार सिंह ने बताया कि झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार रांची के निर्देशानुसार प्रत्येक माह लोक अदालत का आयोजन किया जाता है जिसमें लोग अपने सुलहनीय मामलों के निष्पादन के लिए अपील कर सकते हैं।

रैफरल जजों और मध्यस्थो के बीच जागरूकता कार्यक्रम आयोजित 

झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार रांची के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार पश्चिमी सिंहभूम के तत्वधान में कोर्ट परिसर स्थित मीटिंग हॉल में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मोहम्मद शाकिर की अध्यक्षता में न्यायिक पदाधिकारियों और मध्यस्थ अधिवक्ताओं के बीच आवश्यक बैठक का आयोजन किया गया इसका मुख्य उद्देश्य मध्यस्थता के माध्यम से मामलों के निष्पादन को सुलभ और सहज बनाना था।
मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मोहम्मद शाकिर ने न्यायिक प्रक्रिया में मध्यस्थता की भूमिका की विशेषताओं को समझाते हुए इसे और प्रभावी बनाने पर चर्चा की। उन्होनें मध्यस्थों से कहा कि दोनों पक्ष आपस में समझौते के लिए तैयार होते हैं और आप उन्हें प्रेरित करने का माध्यम हो, उन्होनें न्यायिक प्रक्रिया में मध्यस्थता की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए इसे किसी भी मामले के सकारात्मक निष्पादन की एक महत्वपूर्ण कड़ी बताया।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार राजीव कुमार सिंह ने बताया कि यह विवाद सुलझाने की एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा मध्यस्थ (मीडिएटर) निष्प्रभावी एवं निर्विकार व्यक्ति के रूप में, विवाद ग्रस्त पक्षकारों को एक ऐसे समझौते के लिये तैयार करता है जिस पर पक्षकारों की सहमति होती है।
मौके पर उपस्थित अधिवक्ताओं ने भी अपने विचार रखें, बैठक में न्यायिक पदाधिकारियों योगेश्वर मणि, प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय, ओम प्रकाश, जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम, तरुण कुमार जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय, लक्ष्मण प्रसाद, जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ, विनोद कुमार, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, राजीव कुमार सिंह, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार, मंजीत कुमार साहू, रेलवे दंडाधिकारी, एंजिलिना नीलम मड़की, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी,
 सुप्रिया रानी तिग्गा, निबंधक सह अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी, सदर, पूजा पांडेय, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी सहित बार के मध्यस्थ अधिवक्तागण शामिल थे।उपरोक्त जानकारी प्राधिकार के सचिव राजीव कुमार सिंह ने दी।
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