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सांसद जोबा मांझी से मिल कर करीब कोल्हान यूनिवर्सिटी के बी.एड. विद्यार्थियों ने दिया आवेदन , सांसद ने 2-3 दिन के अंदर अपर आयुक्त से खुद मिल कर इस मामले पर समाधान देने की बात कही है

कोल्हान यूनिवर्सिटी में छात्रों की समस्याएं: एनसीटीई नियमों के उल्लंघन और एक विषय की पढ़ाई


Chakradharpur : कोल्हान यूनिवर्सिटी में बी.एड. और स्नातक के छात्रों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बी.एड. कार्यक्रम के तहत केवल एक ही मेथड पेपर की पढ़ाई करवाई जा रही है, जबकि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के मानकों के अनुसार, दो मेथड पेपर की पढ़ाई अनिवार्य है। जैसा की राज्य भर के अन्य विश्वविद्यालय में करवाई जाती है । केवल कोल्हान विश्वविद्यालय को छोड कर ।
इसके साथ ही, स्नातक कार्यक्रम में भी विश्वविद्यालय की गलती के कारण छात्रों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जिसकी शिकायत छात्र विश्वविद्यालय से गत 6 महीनों से करते आ रहे है परंतु आज तक इस मामले में कोई सुनवाई नहीं हुई है ।

गलती विश्वविद्यालय की खामियाजा भुगतेंगे विद्यार्थी :- कोल्हान छात्र संघ
बी.एड. में केवल एक मेथड पेपर की पढ़ाई

वर्ष 2015 से कोल्हान यूनिवर्सिटी में बी.एड. कार्यक्रम के तहत सिर्फ एक मेथड पेपर की पढ़ाई करवाई जा रही है। इस मुद्दे को लेकर विश्वविद्यालय के छात्रों ने आज प्रभारी कुलसचिव से मुलाकात की। छात्रों ने प्रभारी कुलसचिव के सामने अपनी चिंताओं और समस्याओं को रखा और एनसीटीई के नियमों का पालन करने की मांग की। प्रभारी कुलसचिव ने आश्वासन दिया कि इस मुद्दे पर जल्द से जल्द उचित कदम उठाए जाएंगे।

 दो की जगह कराई गई एक विषय की पढ़ाई

स्नातक कार्यक्रम के तहत विश्वविद्यालय ने चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम प्रणाली के तहत झारखंड बिहार राज्य में सर्वप्रथम अपनाने वाले विश्वविद्यालयों में कोल्हान विश्वविद्यालय भी शामिल था। लेकिन विश्वविद्यालय ने विषय चयन में गलती कर दी, जिससे विद्यार्थियों को जहां दो जेनेरिक पेपर (GE elective) की पढ़ाई करनी थी, वहां सिर्फ एक ही विषय पढ़कर उत्तीर्ण होने का प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया।

ऐसा हुआ गलती का एहसास

सत्र 2017-2020, 2018-2021, और 2019-2022 में स्नातक में नामांकन लिया गया था। यूजीसी नियम के तहत इन तीन सालों में दो जेनेरिक पेपर पढ़ना अनिवार्य था। भूलवश एक ही जेनेरिक पेपर के विषयों को चारों सेमेस्टर में पढ़ाया गया। विश्वविद्यालय को इस गलती का एहसास तब हुआ जब विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षा में फॉर्म भरने से रोका गया और दो जेनेरिक पेपर न होने के कारण फॉर्म भरने की पात्रता से वंचित किया गया।

 विद्यार्थियों की मुश्किलें

1. प्रतियोगी परीक्षाओं का फॉर्म भरने से वंचित: विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं में फॉर्म भरने से रोका जा रहा है।
2. सर्टिफिकेट अमान्य: विश्वविद्यालय की ओर से जारी डिग्री को अमान्य किया जा रहा है, जिससे कई छात्रों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है।
3. विशेष परीक्षा की मांग: कोल्हान छात्र संघ ने जेनेरिक विषय के लिए विशेष परीक्षा आयोजित करने की मांग की है। 
4. बी.एड. में 2 मेथड पेपर को यथासीग्र शामिल किया जाए और 2015 से अबतक के सारे बी.एड कर चुके अभियार्थिओं के लिए विशेष परीक्षा करवा कर नई डिग्री जारी की जाए।




छात्रों की इस पहल ने शिक्षा जगत में महत्वपूर्ण मुद्दों को उजागर किया है, और अब सभी की निगाहें कोल्हान यूनिवर्सिटी पर टिकी हैं कि वह इन समस्याओं का समाधान कैसे करती है।
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