पंचायत सचिवों का अनिश्चितकालीन हड़ताल से पोटका क्षेत्र में विकास कार्यों पर पड़ेगा असर

जमशेदपुर - पूर्वि सिंहभूम के पोटका प्रखंड के पंचायत सचिवों का अनिश्चितकालीन हड़ताल झारखंड राज्य पंचायत सचिव संघ के आह्वान पर पोटका के सभी पंचायत सचिव दो सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालिन हड़ताल का शुभारंभ मंगलवार को कर दिया। झारखंड राज्य पंचायत सचिव संघ के आह्वान पर पोटका के 34 पंचायत सचिव हड़ताल में शामिल हुए। पंचायत सचिवों का हड़ताल पर जाने से प्रखंड क्षेत्र में मनरेगा सहित तमाम विकास कार्यों पर इसका व्यापक असर देखने को मिलेगा। ऐसे समय में पंचायत सचिवों का हड़ताल पर जाना ,जब झारखंड सरकार द्वारा हर पंचायतों में 30 अगस्त से सरकार आपके द्वारा कार्यक्रम का भी शुभारंभ करने जा रहे हैं। 


पंचायतों का सुची भी प्रखंड कार्यालय को उपलब्ध कराया गया है। संघ का कहना है कि 2 माह से लगातार चरणबद्ध आंदोलन चल रहा था, फिर भी सरकार हमारी मांगों पर मांगों पर विचार नहीं किया , जिससे बाध्य होकर हड़ताल पर जाना पड़ा । पंचायत सचिवों ने बताया कि सरकारी विकास योजनाओं का संचालन का दायित्व पंचायत सचिवों के कंधों पर होता है। गांव कस्बों से जिला मुख्यालय एवं राज्य सरकार तक प्रगति रिपोर्ट भेजने से लेकर तमाम कार्यों का दायित्व निर्वहन करते हैं। बताया गया कि अबुआ आवास हो या मंईया सम्मान योजना हो दिन रात मेहनत कर दायित्व निर्वहन करने के बावजूद भी संघ का वाजिब मांगों पर गौर नहीं किया जा रहा है, जिससे संघ उग्र आंदोलन करने को बाध्य है।

इस संबंध में पंचायत सचिव अख्तर हुसैन ने कहा कि हमारी दो सूत्री मांगों में मूल ग्रेड पे 2400 रुपए तथा प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी के पद पर 25% में शेष प्रोन्नति वरीयता के आधार देने का मांग शामिल है। उन्होंने कहा कि आरक्षित 25 प्रतिशत पद पर सीमित प्रतियोगिता परीक्षा तीन बार अवसर देते हुए रिक्त स्थानों को भरने का मांगों को लेकर हम सब पंचायत सचिव संघ के आह्वान पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं । उन्होंने कहा कि सरकार अगर हमारी मांगों पर गौर नही फरमाते है तो संघ ओर भी आंदोलन को तेज करने पर विचार कर सकते हैं।
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