घंटा बजाओ सरकार जगाओ" कार्यक्रम के तहत नोवामुंडी में पदयात्रा निकाला गया, एवं टंकीसाई जामदा में चलाया जनसंपर्क अभियान
पलायन और गरीबी रोकने का बेहतर विकल्प है, बंद पड़े माइंस खोलें हेमंत सरकार :गीता कोड़ा
Chaibasa : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा चुनाव के पूर्व पूरे राज्य भर में घूम-घूम कर जनता से कई वादे किए थे, चाहे बेरोजगारों को 5 लाख नौकरी का मामला हो या फिर 5 से 7 हजार रुपया भत्ता का, चाहे गरीबों को अबुआ आवास देने का मामला हो, या रोजगार देने में और पलायन रोकने में फिसड्डी हेमंत सरकार अगर क्षेत्र के लोगों की भलाई चाहती है तो बंद पड़े माइंस को शीघ्र खुलवाएं और यहां के निजी क्षेत्र में चलने वाले उद्योग धंधे मैं अपना वादा 75% स्थानियों को रोजगार दिलाय, उक्त बातें पूर्व सांसद गीता कोडा ने जामदा में जनसंपर्क चलाकर एवं नोवामुंडी में पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के साथ पदयात्रा निकालकर स्थानीय लोगों के समर्थन में हेमंत सरकार से मांग रखी।ज्ञातब्य हो कि चुनाव पूर्व किए वादे कोरा आश्वासन बनकर रह गया हैं, हेमंत सरकार ने गरीब आदिवासी दलित और जंगलों में रहने वाले लोगों को छलने का काम किया, 2012-14 से दर्जनों की संख्या में लोह अयस्क माइंस राज्य सरकार की उदासीनता और गैर जिम्मेदाराना नीति के कारण बंद पड़े हैं,
क्षेत्र के स्थानीय आदिवासी -मूलवासी रोजगार के अभाव में पलायन करने को मजबूर हैं, केवल चुनाव के समय आदिवासियों का हितैषी बनने का ढोंग करने वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा के मुखिया हेमंत सोरेन जनता से किया वादा क्यों नहीं पूरा कर रहे हैं?
बन्द खदानों को पुनः चालू करने "घन्टा बजाओ सरकार जगाओं"" कार्यक्रम के तहत् आज पूर्व मुख्यमंत्री श्री मधु कोड़ा ने उक्त सवाल झारखंड सरकार के संदर्भ में कहीं ,
वहीं दूसरी ओर भाजपा पार्टी के बैनर तले पार्टी के कार्यकर्ता पदाधिकारी एवं समर्थकों के संग जामदा में जनसंपर्क एवं नोवामुंडी में पदयात्रा कर लोगों को अपने अधिकारों के प्रति पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा एवं पूर्व सांसद गीता कोड़ा के नेतृत्व में जागरूक किया गया।
नोआमुंडी पदयात्रा एवं टंकी साइ जामदा जनसंपर्क कार्यक्रम में मुख्य रूप से साथ में शम्भु हाजरा, प्रफुल्ल महाकुड, सुकेश सिंह, नसीब खान,मोनू साव, प्रदीप गोप, बिट्टू सामड मुन्डा, कृष्णा दास, आकाश खण्डाईत, सचिन बेहरा, टिंकु निषाद, डबलू वर्मा, चुन्नू खण्डाईत, लडकु महाराणा, तुरी कुंकल, आदि एवं काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।