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मनाया गया विश्व आदिवासी दिवस, पारम्परिक परिधानों में दिखाया आदिवासी एकता


ईचागढ़- सरायकेला-खरसावां जिला के चांडिल गांगोडीह मैदान में आयोजित विश्व आदिवासी दिवस पर आदिवासी समाज ने एकजुटता का परिचय देते हुए, पारम्परिक वेशभूषा में महिला पुरूषों का हुजूम उमड़ पड़ा। ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र के चारों प्रखंडों से रैली के शक्ल में गांगोडीह मैदान पहुंचे। समाज सेवी सुखराम हेम्ब्रम के नेतृत्व में गाजे-बाजे के साथ पारम्परिक परिधानों में आदिवासी एकता जिंदाबाद, दुनिया के आदिवासी एक हो, जल , जमीन, जंगल की रक्षा करो, सरना कोड लागू करो आदि नारे लगाते हुए कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। 


वहीं सभा स्थल पर वीर शहीदों के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित किया गया। विशाल सभा को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि स्वच्छ चांडिल स्वस्थ चांडिल के संस्थापक सह समाजसेवी सुखराम हेम्ब्रम ने कहा कि सामुहिक रूप से विश्व आदिवासी दिवस धुमधाम से मनाया गया। आयोजन समिति के द्वारा पारम्परिक रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। उन्होंने कहा कि भीड़ से जाहिर होता है कि आदिवासी समाज सरकार से आदिवासियों की पहचान सारना कोड लागू करने के लिए एक है। उन्होंने कहा कि जंगल झाड़ में रहने वाले आदिवासी प्राकृतिक के पुजारी है। 

उन्होंने कहा कि आज तक किसी भी सरकार ने आदिवासियों को आगे बढ़ाने का काम नही किया। देश व प्रांत सरकार से लगातार अपने विभिन्न मांगों पर आंदोलित है,मगर किसी भी सरकार आदिवासियों की मांग पर विचार नही किया। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से आने वाले समय में आदिवासी समाज एकजुटता का परिचय देते हुए केंद्र व राज्य सरकार को घेरने का काम करेंगे। मौके पर विशिष्ट अतिथि पातकुम दिशोम पारगाना रामेश्वर बेसरा,जिप सदस्य मोतीलाल मांझी, सविता मार्डी, प्रमुख गुरूपद मार्डी, श्यामल मार्डी,डमन बास्के , प्रकाश मार्डी, जयराम सिंह सरदार, लोचन मार्डी आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।
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