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12 वर्षों के नियत अंतराल के बाद ऐतिहासिक परंपरागत देश जंताल पूजा का हुआ आयोजन; इष्ट देवी माता पाउड़ी की पूजा कर 25 गांव के ग्रामीणों ने मांगे आशीर्वाद

सरायकेला: सरायकेला प्रखंड के जोरडीहा गांव में शुक्रवार को एतिहासिक देश जंताल पूजा का आयोजन किया गया। प्रत्येक 12 वर्ष पर आयोजित होने वाले उक्त ऐतिहासिक पूजन उत्सव के अवसर पर गांव के मां पाउड़ी स्थल पर माता पाउड़ी का आह्वान 10 पुजारियों देउरी के दल द्वारा पूजा अर्चना किया गया। व क्षेत्र के सुख शांति की कामना की गई। पूजा हेतु सुबह से ही 25 गांवों के ग्रामीण जुटे हुए थे और परिवार सहित गांव की सुख शांति व अच्छी फसल होने को लेकर माता की पूजा किया गया। देर शाम तक लोग पूजा अर्चना कार्य में लग रहे। 


इस अवसर पर ग्रामीणों ने भेड़, बकरा आदि की पूजा कर वहीं प्रसाद तैयार कर उससे ग्रहण किया। 12 वर्ष में आयोजित इस पूजा में भैंस का भी पूजन किया गया। देश जंताल पूजा में मुडकुम पंचायत के पूर्व मुखिया सह आदिवासी हो समाज महासभा के अध्यक्ष गणेश गागराई सहित अन्य लोगों ने पहुंचकर माता पाउडी की पूजा अर्चना की। पूजा देउरी (नाया) पुजारी लेड़ा सरदार समेत 10 पुजारियों के दल द्वारा सामूहिक रूप से किया गया। 


बताया कि जोरडीहा गांव के आसपास के गांव जिसमें नुआगांव, कृष्णापुर, सीदाडीहा, भंडारीसाई, तितिरबिला, वोष्टमसाई, गांगीडीह, झालियापोसी, कटंगा, सिजूडीह, मुडकुम, धरमडीहा, रूडा़साई, कदमडीहा,लुपूगं, कालागूजू, कालापाथर, लखीपुर, धोलाडीह,दिघी, छोटादावना,बागानसाई व छोटाबाना गांव के प्रत्येक परिवार से लोग इसमें शामिल हुए और पूजा अर्चना की। पूजा के आयोजन में प्रशांत कुमार साहु, मंगला नायक, पटरा सरदार, चंपाई मुर्मू, नारायण गोप,कृष्णा नायक सहित आयोजन समिति के कई लोगों द्वारा सराहनीय भूमिका निभाते हुए सभी धार्मिक संस्कारों को निभाया गया। बताया गया कि प्राचीन काल से चली आ रही उक्त देश जंताल पूजा के प्रत्येक 12 वर्षों पर आयोजन से क्षेत्र में बाह्य आक्रमण, शोक-दुख और महामारी से रक्षा होने के साथ-साथ शक्ति स्वरूपा ईस्ट देवी मां पाउड़ी की कृपा प्राप्त होती है।
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