मधुसूदन विद्यालय के संस्थापक सदस्य श्री आर्तभंजन प्रधान सर का निधन
"कोई चलता है पद चिन्हों पर कोई पद चिन्ह बनाता है"
चकधरपुर : इस उक्ति को चरितार्थ करने वाले लोग दुर्लभ होते हैं। उनमें से एक हमारे आदर्श, हमारे मार्गदर्शक , सेवा निवृत्त महान शिक्षक पूज्य अर्तभंजन प्रधान जी हमारे बीच नहीं रहे। वे मधुसूदन संस्थान के नींव डालने वालों में से एक थे । उनसे हजारों छात्र- छात्राएं प्रेरित होकर समाज के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता के अध्याय लिख रहे हैं।
वे मारवाड़ी उच्च विद्यालय से अंग्रेजी शिक्षक के रुप में कर्ममय जीवन प्रारंभ करते हुए इस विद्यालय में लंबी अवधि तक सेवा प्रदान की। तत्पश्चात् इनका तबादला खंडामौदा उच्च विद्यालय, बहरागोड़ा मे हुई। सन् 2008 में वे इस विद्यालय से सेवानिवृत्त हुए। हमारे लिए उनका रहना ही पर्याप्त था।
पंरतु विधि का विधान से कोई परे नहीं है। परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना है कि उनकी आत्मा को अपने में विलीन कर मोक्ष प्रदान करें। उनके परिवार को इस दुख की घड़ी में इस पीड़ा को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।