--ADVERTISEMENT--

हर्सोल्लास के साथ करम पूजा में जमकर झुमे बालाएं

ईचागढ़ - सरायकेला-खरसावां जिला के ईचागढ़ व कुकड़ु प्रखंड क्षेत्र सहित तमाम जगहों पर शनिवार को हर्सोल्लास के साथ करम पूजा का आयोजन किया गया। चुनचुड़ीया, पिलीद , सालुकडीह, डुमरा, कुटाम ,सोड़ो सहित लगभग सभी गांवों में करम पूजा किया गया।आदिवासी समाज व अन्य समाज के द्वारा करम राजा का विधि-विधान से पूजन किया गया। आंगन में करम डाली गाढ़ कर जावा डाली को रखकर कुआंरी बालाओं ने उपवास रखकर करम पूजा किया। करम डाली को करम गीत गाते हुए घर के आंगन में लाकर गाड़ा गया। 


वहीं नदी से बांस का टोकरी में कुंआरी लड़कियों ने बालू, जौं,मकई,कुलथी, धान आदि अनाज देकर फूल से सजाकर जावा डाली लाया गया। बालू से भरे जावा डाली में जौ आदि उगने के लिए तीन दिनों तक छोड़ दिया जाता है। रात को कन्याएं व महिलाओं द्वारा करम गीत गाकर डाली में अनाज उगाने की कामना करते हैं। जावा डाली को करम डाली के पास रखकर पुजा अर्चना करने के बाद पुजारी द्वारा करम राजा का कहानी या कथा सुनायी गई। बालाओं ने पुजा के बाद करम राजा को खुश करने के लिए करम अखाड़ा में करम गीत के साथ करम नाच किया । भाई बहनों का अटूट प्यार व अच्छी फसल के लिए करम पूजा किया जाता है। वहीं इसे प्राकृतिक पुजा के रूप में पुरे झारखंड में मनाया जाता है। 



गांवों में करम पेड़ पर बैठना,चौकी आदि निर्माण करना वर्जित है। करम राजा का पुजा प्रकृति का संरक्षण संवर्धन के लिए भी मनाया जाता है। वहीं महिलाओं ने करम गीत पर जमकर थिरके। वहीं सुमा रानी महतो व संजोती गोप ने बताया कि तीन दिन पहले बालू जावा डाली को घर लाया गया था और आज करम डाली गाड़कर पूजा अर्चना किया गया। उन्होंने कहा कि हम सभी कुंआरी लड़कियां व्रत रखकर पुजा अर्चना किया। यह प्राकृतिक पुजा है। उन्होंने कहा कि आज रात भर करम राजा को खुश करने के लिए करम गीत पर करम नृत्य किया जाएगा और रविवार को विसर्जन के साथ पारना किया जाएगा। मौके पर करम गोप, गुणाधर महतो, प्रतिमा गोप सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।
Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url

 --ADVERTISEMENT--

 --ADVERTISEMENT--

RECOMMENDATION VIDEO 🠟

 --ADVERTISEMENT--

 --ADVERTISEMENT--