पिछले आठ साल में एक भी परीक्षा पारदर्शिता के साथ लेने में नाकाम रहीं भाजपा और झामुमो की सरकार l हेमंत सरकार जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा को अविलंब रद्द करे
उपरोक्त बाते आज आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केन्द्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक ने जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा पर विवाद गहराने पर अपनी प्रतिक्रिया में उक्त बातें कही l इन्होंने आगे यह भी बताया कि
21 और 22 सितंबर को आयोजित जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा में फिर एक बार व्यापक मात्रा में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार की गई है। 22 सितंबर को आयोजित परीक्षा के पेपर तीन में गणित, रिजनिंग और कंप्यूटर के सभी 60 प्रश्न पूर्व के परीक्षा से रिपीट कर दिया गया है। गणित विषय के सभी 20 प्रश्न के जगह पर एसएससी सीजीएल 2022 के प्रश्न सभी 20 प्रश्नों को रिपीट कर दिया गया है। जिससे लगता है कि परीक्षार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर उनके भविष्य को अंधकार करने का बार बार षड्यंत्र रचा जा रहा है जो राज्य के बेरोजगार शिक्षित युवाओ के लिए शुभ संकेत नही है ।
श्री नायक ने आगे यह भी कहा कि रघुवर सरकार और हेमंत सरकार दोनों सरकार ने पिछले आठ साल में एक परीक्षा पारदर्शी ढंग से लेने में नाकामयाब रही है और सिर्फ छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का कार्य किया गया l इन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग किया कि वे तत्काल परीक्षा रद्द करें और आयोग को भंग कर परीक्षा कराने वाले एजेन्सी को भी हटाए और दोषियों पर कडी से कड़ी कार्रवाई हो जिससे फेयर परीक्षा के नीवं को झारखण्ड में रखा जा सके तथा पुरानी परम्परा को समाप्त किया जा सके l
श्री नायक ने आगे यह भी कहा कि अगर जेएसएससी-सीजीएल की परीक्षा में गड़बड़ी को सुधारने की दिशा मे अविलंब कारवाई नहीं की गई और रांची, धनबाद सहित कई परीक्षा केंद्र में बाहर के छात्रों को पहले ही अंसर देने के आरोपों की जांच नहीं करायी गई एवं परीक्षा रद्द नहीं किया गया तो आंदोलन किया जायेगा l