एनसीईआरटी,नई दिल्ली द्वारा आहूत मीटिंग में चाईबासा के कृष्णा देवगम शामिल
चाईबासा : राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 में प्रावधान के तहत देश के जनजातीय समुदाय के पारंपरिक खेल को पाठ्यक्रम में स्थान देने का प्रयास किया जा रहा है। इस कड़ी में शुक्रवार को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् (एनसीईआरटी) शैक्षिक अनुसंधान प्रभाग,नई दिल्ली की ओर से शैक्षणिक रणनीतियों के रूप में स्वदेशी खेलों और खेलों के एकीकरण का एक खोजपूर्ण अध्ययन को लेकर स्वेदेशी खेलों और खेलों का मानचित्र पर डेटा संग्रह विषय पर एक ऑनलाइन मीटिंग आहूत किया गया। इसमें देश के सात जनजातीय राज्यों महाराष्ट्र , राजस्थान,असम,छत्तीसगढ़, झारखंड, हिमाचल प्रदेश,केरल के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया।
झारखंड का प्रतिनिधित्व करने के लिए जेसीइआरटी के रजनीकांत,अनमोल रुंडा एवं बतौर साधनसेवी समीर बाड़ा, प्रवीण सूचित बजराय और चाईबासा के उमवि नीमडीह के प्रभारी कृष्णा देवगम को मीटिंग में आमंत्रित किया गया।मीटिंग में स्वदेशी खेलों को शैक्षणिक रुप में शामिल करने की बात कही गई।हो जनजातीय क्षेत्रों में प्रचलित स्वदेशी खेलों सेकोर, तीरंदाजी,चूर,कित-कित,गोटी खेल, पिट्ठू ,लट्टू आदि पर चर्चा किया गया।