Saraikela : सर्पदंश से पीड़ित 3 वर्षीय प्रिंस मुर्मू का समय पर इलाज से जीवन सुरक्षित, ग्रामीणों ने जताया आभार
सरायकेला (Jagdish Sao) : राजनगर प्रखंड के बाना टांगरानी गांव में बीते शुक्रवार की रात तकरीबन 9:00 बजे गांव का एक साढे तीन वर्षीय बच्चे प्रिंस मुर्मू स्नेक बाइट का शिकार हो गया। बच्चें की छटपटाहट और एक्सप्रेशन से परेशान हुए बच्चों के माता एवं पिता ने त्वरित इसकी जानकारी गांव के ही फास्ट फूड दुकानदार माघुराम महतो को दी। माधुराम महतो ने बिना समय गंवाते हुए इसकी जानकारी स्थानीय पत्रकार रविकांत गोप को देकर अपनी बाइक से ही पीड़ित बालक और उसके अभिभावक को लेकर सरायकेला सदर अस्पताल के लिए निकल पड़े।
पत्रकार रविकांत गोप द्वारा मामले की जानकारी सरायकेला के पत्रकार को देते हुए बेहतर इलाज का प्रयास के लिए कहा गया। इसके बाद सरायकेला के पत्रकार ने मामले की तुरंत सूचना सदर अस्पताल प्रबंधक संजीत राय को दी। संजीत राय ने मामले की संजीदगी को समझते हुए तुरंत सदर अस्पताल पहुंचकर ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक एवं चिकित्सा कर्मी को मामले की जानकारी दी।
रात की तकरीबन 9:30 बजे पीड़ित बच्चें के सदर अस्पताल पहुंचते ही अलर्ट मोड पर काम करते हुए डॉक्टर एवं मेडिकल टीम ने आवश्यक जांच के बाद इलाज करते हुए प्रिंस मुर्मू के जीवन को सुरक्षित किया। मौके पर नन्हे प्रिंस मुर्मू के माता-पिता ने माघुराम सहित पत्रकार रविकांत को और सरायकेला के पत्रकार तथा सदर अस्पताल प्रबंधक संजीत राय एवं डॉक्टर और मेडिकल टीम का बार-बार आभार जताया। इस अवसर पर सदर अस्पताल प्रबंधक संजीत राय ने बताया कि स्नेक बाइट के मामले में पर्याप्त दवा एवं इलाज की सुविधा सदर अस्पताल में उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में ग्रामीण क्षेत्रों में मौजूद रूढ़िवादी प्रथा और झाड़-फूंक एवं ओझा गुनी जैसे अंधविश्वासों से बचना चाहिए। समय पर इलाज मिलने से जीवन रक्षा संभव है।
बताया गया कि बदलते मौसम और बरसात के दिनों को लेकर इन दोनों क्षेत्र में सर्पदंश के मामले बढ़े हैं। जिसमें सरायकेला सदर अस्पताल में ही बीते जुलाई महीने में 76 मामले और अगस्त महीने में 31 मामले इलाज के लिए आए। साथ ही सितंबर महीने में वर्तमान तक सर्पदंश के आठ मामले आए हैं। और समय पर समुचित इलाज मिलने के कारण सभी सर्पदंश के मामलों में प्रभावित व्यक्ति स्वस्थ होकर घर वापस लौटे हैं।