शहीद अजीत धनंजय महतो स्मृति समिति का संचालन कमिटी का हुआ गठन
बारिश में कम उपस्थिति को लेकर समिति पुनर्गठन पर लगा विराम
चांडिल - सरायकेला-खरसावां जिला के चौका नव दुर्गा मंदिर प्रांगण में सोमवार को शहीद अजीत धनंजय महतो स्मृति समिति का बैठक निवर्तमान अध्यक्ष माधव सिंह मानकी की अध्यक्षता में हुई। बैठक का संचालन समाजसेवी खगेन महतो ने किया। बैठक में शहीद अजित धनंजय महतो स्मृति समिति का पुर्नगठन करने का प्रस्तावित था, परंतु भारी बारिश के चलते कम सदस्यों की उपस्थिति से समिति का पुनर्गठन को विराम लगा। बैठक में समिति को भंग किया गया एवं निवर्तमान अध्यक्ष माधव सिंह मानकी को पुष्पगुच्छ व अंगबस्त्र देकर सम्मानित किया गया। साथ ही 21 अक्टूबर को शहीद अजित धनंजय महतो का शहादत दिवस मनाने को लेकर संचालन समिति का गठन किया गया एवं शहीद दिवस के बाद शहीद अजित धनंजय महतो स्मृति समिति का पुर्नगठन करने का निर्णय लिया गया।
इस दौरान झारखंड आंदोलनकारी सह समाजसेवी हिकिम चन्द्र महतो ने कहा कि शहीद धनंजय महतो का पुत्र उपेन महतो को शहीद पुत्र का दर्जा मिला है, परंतु तिरुलडीह गोलीकांड में शहीद धनंजय महतो एवं अजित महतो को आज तक शहीद का दर्जा नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि झारखंड के पूर्व सरकार और तत्कालीन सरकार आज तक शहीद अजित धनंजय महतो को न ही शहीद का दर्जा दिया और न ही शहीदों को सम्मान। उन्होंने कहा कि यह काफी आश्चर्य का विषय है। उन्होंने कहा कि शहीद अजित धनंजय महतो स्मृति समिति का पुर्नगठन शहीद दिवस के बाद किया जाएगा।
21 अक्टूबर को शहीद दिवस मनाने के लिए संचालन समिति का गठन किया गया, जिसमें 25 सदस्यों को शामिल किया गया। इस दौरान पूर्व जिप उपाध्यक्ष देवाशीष राय ने कहा कि क्रांति का जो बीजा रोपण किया गया था शहीद अजित धनंजय महतो के शहादत के साथ साथ उन आदर्शो को भी कुचल दिया गया। शहीद अजित धनंजय महतो कि स्मृति सभा इसी अलक को जगाने का एक कोशिश है। सभा का अंत राष्ट्रगाण व शाहिद की श्रद्धांजलि में एक मिनट मौन रख कर किया गया। इस अवसर पर खगेन महतो, बसंत प्रमाणिक, दिलीप राणा, छुटू सिंह मुंडा, सुकमार गोराई, जयदेव साव, दिनेश, अरुण महतो, दीपाली महतो समेत काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।