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झारखंड में परिवर्तन यात्रा का समापन: चाईबासा में भाजपा की सभा

चाईबासा : झारखंड में भाजपा द्वारा आयोजित परिवर्तन यात्रा का समापन आज चाईबासा में एक भव्य समारोह के साथ हुआ। इस कार्यक्रम में भाजपा के कई प्रमुख नेता उपस्थित रहे और स्थानीय जनता का उत्साह देखने को मिला। सभा में उड़ीसा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री मधुकोड़ा, अर्जुन मुंडा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, और कोल्हान प्रभारी डॉक्टर दिनेशानंद गोस्वामी ने अपने विचार साझा किए।

प्रमुख नेताओं के विचार

मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने अपने संबोधन में झारखंड की समृद्ध संस्कृति और संसाधनों के संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "झारखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और संसाधनों का संरक्षण करना हमारी जिम्मेदारी है। हेमंत सोरेन की सरकार ने उड़िया भाषा को नष्ट किया है। यदि भाजपा सत्ता में आती है, तो हम महिलाओं को ₹2100 प्रति माह देने का वादा पूरा करेंगे और सरकार में खाली पड़े पदों को प्राथमिकता से भरेंगे। हम सब मिलकर विकास की दिशा में आगे बढ़ेंगे।"

पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा, "यह सरकार झूठे वादे करती है। भाजपा जो कहती है, उसे पूरा करती है। खनिजों और बालू के मामले में सरकार की गलत नीतियों के कारण कई युवा बेरोजगार हुए हैं। एसएससी परीक्षा में भी नकल के मामले सामने आए हैं।"

मधुकोड़ा ने स्थानीय मुद्दों पर जोर देते हुए कहा, "हेमंत सोरेन ने हर वर्ग को धोखा दिया है। महिलाओं, युवाओं, किसानों, और मजदूरों से किए गए सभी वादे अधूरे हैं। आदिवासी हितों को नजरअंदाज किया गया है, और चुनाव के समय जो वादे किए गए थे, वे केवल दिखावा थे।"

पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार को भ्रष्ट बताते हुए कहा, "झारखंड के लिए हमारी लड़ाई जारी है। इस सरकार मैं शामिल कांग्रेस आदिवासी आंदोलनकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। जहां एक ओर मंत्री के नौकर के पास करोड़ों की संपत्ति है, वहीं झारखंड के लोगों का हक मेहनत का पैसा भ्रष्टाचार के माध्यम से लूटा जा रहा है,

कार्यक्रम के कोल्हान प्रभारी डॉक्टर दिनेशानंद गोस्वामी ने कहा कि बालु चोर गीटी चोर हेमंत सोरेन गद्दी छोड़, उपस्थित जन समूह से हेमंत सोरेन को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया

समारोह की भव्यता

समापन समारोह में स्थानीय जनता की बड़ी संख्या में भागीदारी ने नेताओं को स्पष्ट संकेत दिया कि जनसंपर्क और संवाद कितना महत्वपूर्ण है।
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