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माझी रामदास टुडू के जन्म वर्षगांठ पर शामिल हुई डॉक्टर सुनीता


माझी रामदास टुडू रास्का ट्रस्ट काड़ूवाकाटा द्वारा संताली लेखक रामदास टूडू रास्का का 173वां जयंती मनायी गयी। सर्वप्रथम अतिथियों के रूप में पहुंची डॉक्टर सुनिता दवदूत सोरेन को पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया गया। इसके पश्चात डाक्टर सुनिता दवदुत सोरेन एवं उपस्थित लोगों ने स्व रामदास टूडू की मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित किया। इस अफसर थे डॉक्टर सुनीता ने कहा रामदास टूडू रास्का का जन्म 2 अक्टूबर 1854 को इसी गांव काड़ूवाकाटा में हुआ था‌। वह तेजस्वी के एक मिसाल थे। संताल समाज के लोगों की पहचान और अस्तित्व बचाने के उद्देश्य से पारंपरिक रीति-रिवाज और धार्मिक व्यवस्था को संकलित करते हुए खेरवाड़ धरम पुथी नामक एक पुस्तक की रचना की थी।

इस पुस्तक के माध्यम से उन्हाेने संपूर्ण संताल समाज में एक नव जागृति का मिसाल प्रस्तुत किया। इससे संताल समाज काे एकता और मजबूती मिली। उन्होंने ने कहा कि रामदास टूडू रास्का ग्रामप्रधान थे। वे नाच-गान संगीत और पारंपरिक वाद्य यंत्र बजाने में महारत प्राप्त थे। स्व टुडू संताल समाज के एक ऐसे व्यक्तित्व थे जिन्होंने संताल संप्रदाय को धर्म परिवर्तन से बचाया है। कार्यक्रम में मुख्य रूप साहित्य अकादमी के सदस्य सालखू मुर्मू, कूना राम टुडु ,शांखो हासदा, दुखिया मार्डी ,धन पति मुर्मू, विष्णु कुमार मुर्मू ,किशन मार्डी ,पूर्व जिला पार्षद आरती समाद ,समाज सेवी शंकर सेन महाली, सुकूमार सोरेन, मार्सल मुर्मू ,भोक्त हांसदा, पंचानन सोरेन आदि उपस्थित थे!
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