चोर तबरेज की हत्या पर मातम मचाने वाले तीन तीन बिहारियों की हत्या पर चुप क्यों: सागर तिवारी
जमशेदपुर : सरायकेला में पांच साल पूर्व चोरी के उद्देश्य से गांव में घुसे तबरेज की ग्रामीणों ने पिटाई के बाद पुलिस के हवाले कर दिया था. जेल में तबियत खराब होने पर उसकी एक हफ्ते बाद मौत हो गई थी. उसके बाद न केवल झारखंड बल्कि पूरा देश सुलग गया था. चोर तबरेज को नायक की तरह पेश किया गया और उसके लिए सरकार और इस्लामिक संगठनों ने खजाने खोल दिए. एक चोर की पत्नी को करोड़ों रुपए का आर्थिक सहयोग दिया गया. इतना ही नहीं तबरेज के कातिल आज सलाखों के पीछे हैं. उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. ठीक है कानून अपना काम कर रही है मगर दो दिन पूर्व पश्चिमी सिंहभूम जिले के गुदड़ी में तीन- तीन बिहारी फेरीवालों की निर्मम हत्या के बाद खामोशी क्यों ? यह कहना है बिहार- झारखंड एकता मंच के युवा नेता सागर तिवारी का.
उन्होंने बयान जारी कर कहा कि गुदड़ी में हुए तीन- तीन बिहारी फेरीवाले की हत्या महज हत्या नहीं बल्कि संविधान की हत्या है. इस मामले को लेकर सरकार और प्रशासन भी मौन है. इसे महज हत्या से जोड़कर देख रही है. उन्होंने कहा कि साजिश के तहत झारखंड में व्यापार करने वाले बिहारियों को निशाना बनाया जा रहा है. झारखंड में बिहारी समाज का अस्तित्व खतरे में है. अब समय आ गया है झारखंड के बिहारी एकजुट हों और अपने हक और अधिकार के लिए आगे आए. गुदड़ी में हुए तीन बिहारी भाइयो की हत्या ने पूरे झारखंड की राजनीति पर सवाल खड़ा कर दिया है. अपने देश के भीतर अब कोई कहीं भी व्यापार नहीं कर सकता है तो ये सीधे तौर पर सविधान और क़ानूनी व्यवस्था को नकारना है. झारखंड सरकार का काम राज्य में रह रहे लोगो की रक्षा करना है पर झारखंड में उल्टा हो रहा हैं. यहां लोगो को लड़वाकर राजनीति की जा रही है. पर अब बिहार- झारखंड एकता मंच बर्दास्त नहीं करेगा. क्योंकि अपने लोगो की जान और व्यापार की रक्षा करना समाज का काम हैं और समाज ये काम जरूर करेगा ।
3 बिहारी युवा की हत्या हो गई है पर झारखंड की राजनीतिक पार्टियां चुप्पी साधे बैठी है क्योंकि उनके नजर में बिहारी केवल झंडा उठाने और मतदान करने वाले बंधुआ मजदूर बन के रह गए है उनको लगता हैं की बिहारी पिटे मरे या गाली खाए उनके लिए बोलना नहीं है वो फिर भी राजनीतिक रूप से पार्टी को सहयोग करते रहेंगे । बिहारी समाज का झारखंड में गाली से जो सफर शुरू हुआ था अब वो हत्या तक पहुँच गया है ग्रामीण क्षेत्रों में बिहारी समाज पलायन करने को मजबूर हो चुका हैं पर किसी राजनीतिक दल का नेता इसके ख़िलाफ़ बोलने को तैयार नहीं है और ये बताता हैं झारखंड में बिहारी समाज पर बड़ा ख़तरा मंडरा रहा है और इसको लेकर समाज को एकजुट करने का काम बिहार-झारखंड एकता मंच करेगा और बिहारी के ख़िलाफ़ हो रही राजनीतिक साज़िश का पर्दाफाश करता रहेगा साथ ही समाज को एकजुट करके हर संभव प्रयास करेगा की बिहारी समाज झारखंड में मज़बूत होकर व्यापार करे ।
बिहार-झारखंड एकता मंच राज्य सरकार से पत्र के माध्यम से माँग करता है की एक इंसान की मौत से एक परिवार का आर्थिक मौत भी होता है और तीनों युवा अपने परिवार के कमाने वाले सदस्य थे इसलिए राज्य सरकार तीनों को 20-20 लाख का मुआवजा दे।