70th BPSC Exam : 70वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों का आंदोलन जारी है। रविवार को बड़ी संख्या में छात्र पटना के गांधी मैदान में इकट्ठा हुए, जहां प्रशासन ने पहले से ही अनुमति देने से इनकार कर दिया था। इस बीच, जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर (पीके) भी प्रदर्शनकारी छात्रों से मिलने पहुंचे। उन्होंने छात्रों का समर्थन करते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।
प्रशांत किशोर ने किया छात्रों का समर्थन
अपने आवास से गांधी मैदान के लिए निकलते समय प्रशांत किशोर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनका यह दौरा प्रदर्शन के लिए नहीं है, बल्कि छात्रों से बातचीत के लिए है। उन्होंने कहा, “गांधी मैदान एक सार्वजनिक स्थान है, जहां कोई भी जा सकता है। हम छात्रों की आवाज सुनने और उनके साथ खड़े होने जा रहे हैं।”
प्रशांत किशोर ने जिला प्रशासन द्वारा प्रदर्शन की अनुमति न देने पर सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि “सरकार छात्रों की जायज मांगों को सुनने के बजाय उन पर लाठीचार्ज कर रही है। यह लोकतंत्र का अपमान है।”
छात्रों की मांग: परीक्षा रद्द हो
अभ्यर्थियों की मुख्य मांग है कि 70वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा को रद्द किया जाए। उनका आरोप है कि परीक्षा प्रक्रिया में अनियमितताएं हुई हैं, जिससे योग्य छात्रों के साथ अन्याय हो रहा है।
गांधी मैदान में बड़ी संख्या में जुटे छात्रों ने शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखने की कोशिश की। हालांकि, जिला प्रशासन ने इस प्रदर्शन को अनुमति नहीं दी थी, और गांधी मैदान को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया।
प्रशासन और छात्रों के बीच तनाव
प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को गांधी मैदान में इकट्ठा होने से रोकने के लिए सख्त कदम उठाए। इसके बावजूद अभ्यर्थी मैदान में पहुंचे और अपनी मांगों के लिए नारेबाजी करने लगे। प्रशांत किशोर ने इस स्थिति पर कहा, “बच्चे अपनी मांगें रखने के लिए शांतिपूर्ण तरीके से बैठे हैं। सरकार को उनकी बात सुननी चाहिए, न कि लाठीचार्ज कर उन्हें डराना चाहिए।”
सरकार पर लाठीतंत्र का आरोप
प्रशांत किशोर ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि छात्रों को प्रदर्शन का अधिकार है। उन्होंने सरकार पर “लाठीतंत्र” बनाने का आरोप लगाया और कहा कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।
क्या कहते हैं अभ्यर्थी?
अभ्यर्थियों का कहना है कि उनकी मांगें जायज हैं और सरकार को परीक्षा में हुई गड़बड़ियों की जांच करनी चाहिए। एक अभ्यर्थी ने कहा, “हम शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखना चाहते हैं, लेकिन सरकार हमें जबरन दबाने की कोशिश कर रही है।”
अभ्यर्थियों को समर्थन देने की कोशिश
प्रशांत किशोर के गांधी मैदान पहुंचने से आंदोलन को और बल मिला है। उन्होंने छात्रों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को समझने की बात कही है।
सरकार को विचार करना होगा
इस प्रदर्शन ने बिहार सरकार के लिए एक नई चुनौती खड़ी कर दी है। अभ्यर्थियों की बढ़ती संख्या और समर्थन से स्पष्ट है कि यह मुद्दा जल्द ही और बड़ा हो सकता है। अब देखना होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।