Tata Steel Jamshedpur Plant : टाटा स्टील के जमशेदपुर प्लांट में उत्पादन क्षमता को बढ़ाने की योजना नहीं है। हाल ही में टाटा स्टील में संयुक्त समितियों में किए गए बदलाव के बाद सर्वोच्च कमेटी, जेसीसीएम (Joint Committee of Communication and Management) की पहली बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में टाटा स्टील के प्रबंधन और श्रमिक यूनियन के पदाधिकारियों ने विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की।
बैठक में प्रमुख रूप से यह बताया गया कि कंपनी का उत्पादन दोगुना हो रहा है, लेकिन जमशेदपुर प्लांट का विस्तार संभव नहीं है। शहर के बीचोबीच स्थित होने के कारण इस प्लांट में अधिक उत्पादन नहीं किया जा सकेगा। आने वाले समय में टाटा स्टील के कुल उत्पादन का केवल 30 प्रतिशत हिस्सा ही जमशेदपुर में होगा, जबकि शेष 70 प्रतिशत उत्पादन कलिंगानगर और अन्य प्लांटों में होगा।
कार्बन उत्सर्जन पर ध्यान
बैठक के दौरान कार्बन उत्सर्जन को कम करने की दिशा में कदम उठाने पर भी जोर दिया गया। टाटा स्टील के प्रबंधन ने कहा कि कंपनी का उद्देश्य नेट जीरो मिशन को प्रभावी तरीके से लागू करना है।
बैठक में उठाए गए मुद्दे
बैठक में कर्मचारियों से जुड़ी कई समस्याओं पर भी चर्चा की गई :
1. महामंत्री सतीश सिंह ने कर्मचारियों के इलाज के मामले में पेंडिंग मुद्दों को हल करने की मांग की।
2. यूनियन उपाध्यक्ष संजीव तिवारी ने ग्रुप इंश्योरेंस और टीएमएच में बेड की कमी पर ध्यान दिलाया।
3. सहायक सचिव अजय चौधरी ने जमशेदपुर प्लांट के विस्तार का सवाल उठाया।
4. कोषाध्यक्ष आमोद दुबे ने इमरजेंसी में दवाइयों की उपलब्धता में सुधार की आवश्यकता जताई।
5. यूनियन उपाध्यक्ष संजय सिंह ने कंपनी के खर्च में कटौती के कारण कर्मचारियों को हो रही परेशानियों का मुद्दा उठाया।
6. सहायक सचिव नितेश राज ने कर्मचारियों के लिए पिकनिक और गेट टूगेदर आयोजित करने की मांग की।
प्रबंधन की ओर से जवाब
प्रबंधन ने कर्मचारियों के विभिन्न मुद्दों पर सकारात्मक रुख दिखाया और जल्द ही समाधान करने का आश्वासन दिया। साथ ही, खाद्य वेस्टेज को कम करने के लिए कैंटीन में बदलाव की योजना पर विचार किया जाएगा।
इस बैठक में टाटा स्टील के चेयरमैन वाइस प्रेसिडेंट चैतन्य भानु, वाइस चेयरमैन संजीव चौधरी टुन्नु, और अन्य प्रबंधन पदाधिकारी शामिल थे।