Matajee Ashram Hata – आज माताजी आश्रम हाटा में स्वामी विवेकानंद की 162वीं जयंती एवं राष्ट्रीय युवा दिवस की पूर्व संध्या पर विभिन्न सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जिले के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के छात्र-छात्राओं ने अपनी कला और प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इन प्रतियोगिताओं में लेखन, भाषण, चित्रांकन, कविता वाचन, और संगीत प्रतियोगिता जैसी श्रेणियाँ शामिल थीं।
कार्यक्रम की शुरुआत माताजी आश्रम के सचिव राजकुमार साहू द्वारा सभी प्रतियोगियों का स्वागत कर की गई। उन्होंने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को फैलाना और युवा पीढ़ी को उनके मार्गदर्शन की दिशा में प्रेरित करना है।
इस कार्यक्रम में कुल 14 विद्यालयों और महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया, जिनमें तारा पब्लिक स्कूल हाटा, नेताजी सुभाष पब्लिक स्कूल हल्दीपोखर, उत्क्रमित मध्य विद्यालय हाटा, करिम सिटी कॉलेज जमशेदपुर, विद्या भारती इंग्लिश स्कूल हाटा, सरस्वती शिशु मंदिर हल्दीपोखर, सरस्वती शिशु मंदिर रसुनचोपा, सरस्वती शिशु मंदिर हेंसल, मध्य विद्यालय हेंसल, उत्क्रमित मध्य विद्यालय माटीगारा, वोमेन्स कॉलेज जमशेदपुर, शेफर्ड ई.एम. कॉलेज जादूगोड़ा, उत्क्रमित मध्य विद्यालय हल्दीपोखर, मध्य विद्यालय चालियामा, मध्य विद्यालय हाटा, और एल.बी.एस.एम. करनडीह शामिल थे।
प्रतियोगिताओं में विभिन्न स्कूलों और महाविद्यालयों के छात्रों ने अपनी रचनात्मकता और आत्मविश्वास का परिचय दिया। लेखन, भाषण, चित्रांकन और संगीत के विभिन्न विषयों पर छात्रों ने अपनी बात रखी और प्रस्तुति दी। सभी प्रतियोगियों ने अपने-अपने विधाओं में उत्तम प्रदर्शन किया, जो दर्शाता है कि आज की युवा पीढ़ी में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है।
कार्यक्रम के अंत में, सुनील कुमार दे ने धन्यवाद ज्ञापन किया और कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से बच्चों की मानसिक और बौद्धिक विकास में मदद मिलती है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रतियोगिता के परिणामों की घोषणा आगामी दिनों में की जाएगी और विजेता छात्रों को आगामी 12 जनवरी 2025 को आयोजित होने वाली विवेकानंद जयंती सह राष्ट्रीय युवा दिवस समारोह में पुरस्कृत किया जाएगा।
पुरस्कार वितरण समारोह सुभाष संस्कृति परिषद जमशेदपुर की ओर से आयोजित किया जाएगा, जिसमें विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा। इस अवसर पर निर्णायक मंडली के सदस्य शंकर चंद्र गोप, आनंद साहू, सुदीप मुखर्जी, वीथिका मंडल, पतित पावन दास, और रेवा गोस्वामी ने निर्णायक की भूमिका निभाई।
इस आयोजन में उपस्थित अन्य सम्माननीय व्यक्तियों में मधुसूदन भट्टाचार्य, अलक पाल, मंडल, विश्वामित्र खंडायत, हेम पात्र, तपन दे, बलराम गोप, लोचना मंडल, निवारण मोदी, ब्रह्म पद मरल, बन्दना मंडल, सुधांशु कुंडू, सुधांशु शेखर मिश्र, बकुल मिश्रा, तपन मंडल, तनुश्री साहू, निताई महाकुड़, सुजाता मरल, कमल लोचन महतो, नित्यानंद गोस्वामी, दुलाल मुखर्जी, महेश बियानी, और नारायण चटर्जी प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन मिथुन साहू ने किया, जिन्होंने पूरी कार्यक्रम को सुचारु रूप से चलाने में मदद की। इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि शिक्षा और संस्कृति के संगम से न केवल छात्रों के अंदर छुपी हुई प्रतिभा बाहर आती है, बल्कि वे देश की युवा शक्ति को आकार देने के मार्ग पर भी अग्रसर होते हैं।
आशा है कि इस प्रकार के आयोजन भविष्य में और अधिक आयोजित किए जाएंगे, जो बच्चों के मानसिक विकास के साथ-साथ समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक होंगे।