Chakradharpur Railway Scam : चक्रधरपुर रेल मंडल में नियम कानून सिर्फ छोटे कर्मचारियों पर लागू होता है। बड़े अधिकारी तो नियम और कानून को अपने पैरों तले कुचलना जानते हैं। कुछ ऐसा ही मामला रेल मंडल के बंडामुंडा में देखने को मिला है। यहां बंडामुंडा के एआरएम अपने निजी वाहन पर पद के साथ रेलवे और भारत सरकार का बोर्ड लगाकर चला रहे हैं। वहां का नंबर प्लेट भी सफेद प्लेट पर है। आरटीआई से खुलासा हुआ है कि एआरएम बंडामुंडा को किसी प्रकार का कोई चार पहिया वाहन रेलवे के द्वारा उपलब्ध नहीं कराया गया है।
लेकिन चार पहिया वाहन, उसका मेंटेनेंस और डीजल से लेकर वाहन चालक का खर्च रेलवे टेंडर कर भुगतान कर रही है। इससे ओडिशा के सड़क परिवहन विभाग को राजस्व का चुना भी लगाया जा रहा है। जिस अधिकारी पर सरकार के संपत्ति की सुरक्षा का जिम्मा है, वह अधिकारी ही सरकार के हक की लूटमारी में लगा हुआ है। यह सिर्फ एक अधिकारी की बात नहीं है। बताया जाता है कि पूरे चक्रधरपुर रेल मंडल में अधिकारी टेंडर की आड़ में सफेद प्लेट वाले निजी वाहनों का कमर्शियल इस्तेमाल कर रहे हैं।
जिससे राज्य सरकार को राजस्व का चुना लगाया जा रहा है। रेलवे के अधिकारियों को नियम तोड़ने की आदत सी पड़ गई है। रेलवे में बिना टिकट के सफर पर गरीबों से मोटा फाइन वसूला जाता है लेकिन निजी वाहन का कमर्शियल इस्तेमाल करने वाले रेलवे के इन बड़े बड़े अधिकारियों से जुर्माना वसूलने के साथ साथ कानूनी कार्रवाई कौन करेगा यह बड़ा सवाल जनता के मन में कौंध रहा है। जानकारी यह भी मिली है कि अवैध रूप से निजी गाड़ी का प्रयोग कर रेलवे के अधिकारी वाहन खर्च के नाम पर अवैध वसूली भी कर रहे हैं।
जरूरत हैबिस तरह के मामलों पर सड़क परिवहन विभाग को सख्त कार्रवाई की। क्योंकि सड़क पर बिना हेलमेट के चलने पर हजार रुपए जुर्माना वसूला जाता है। लेकिन बिना अनुमति कमर्शियल इस्तेमाल हो रहे वाहनों पर विभाग मैं साधे हुए है। जिससे विभाग की छवि भी धूमिल हो रही है।