Chaibasa Women’s College Event (प्रकाश कुमार गुप्ता) : आज महिला कॉलेज चाईबासा में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. सुचिता बाड़ा ने कहा कि घर में बोली जाने वाली भाषा ही मातृभाषा कहलाती है, और इस दिवस का उद्देश्य भाषा और संस्कृति का अस्तित्व बनाए रखना है। उन्होंने सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी का जन्मदिवस भी याद करते हुए कहा कि भारतेंदु हरीशचंद्र का उद्धरण प्रस्तुत किया कि निज भाषा की जानकारी हर किसी को होनी चाहिए, क्योंकि बिना अपनी मातृभाषा के कोई भी व्यक्ति अपनी भावनाओं को पूरी तरह व्यक्त नहीं कर सकता।
इस अवसर पर डॉ. अर्पित सुमन ने कहा कि प्रत्येक वर्ष 21 फरवरी को यह दिवस दुनिया भर में सांस्कृतिक और भाषाई विविधता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाया जाता है, और मातृभाषा के प्रति लोगों को जागरूक करना इसका मुख्य उद्देश्य है।
प्रो. सितेंद्र रंजन सिंह ने भाषाई विविधता का सम्मान करते हुए कहा कि हिंदी और अंग्रेजी के साथ अपनी मातृभाषा सीखने और उसे सम्मान देने की आवश्यकता है। प्रो. मदन मोहन मिश्रा ने अपनी संस्कृति को बचाने के लिए मातृभाषा के ज्ञान और ध्यान की आवश्यकता पर बल दिया।
इस अवसर पर हो विभाग के प्रो. चन्द्र मोहन हेंब्रम ने जोहार कहकर सभी का अभिनंदन किया और भाषाओं के सम्मान की बात की। कार्यक्रम में छात्राओं ने हो गीत प्रस्तुत किया और मातृभाषा के महत्व पर अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर लगभग 200 छात्राएँ उपस्थित थीं।