DISHA Meeting Controversy (प्रकाश कुमार गुप्ता) : पश्चिमी सिंहभूम समाहरणालय में हाल ही में सम्पन्न दिशा (DISHA) बैठक पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पूर्व सांसद और भाजपा नेत्री गीता कोड़ा ने जिले के जनप्रतिनिधियों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि इस बैठक में जिले के विकास से जुड़े किसी भी महत्वपूर्ण विषय पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि आम जनता की समस्याओं को लेकर सरकार और जनप्रतिनिधि कितने उदासीन हैं।
पूर्व सांसद गीता कोड़ा ने कहा, “जनता के साथ यह सीधा विश्वासघात है। जो प्रतिनिधि जनता की आवाज़ बनकर सदनों तक पहुँचने की बात करते हैं, वही आज बुनियादी समस्याओं की अनदेखी कर रहे हैं। यह पूरी तरह उनकी गैर-जिम्मेदारी और संवेदनहीनता को दर्शाता है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि जिले में अधिकांश विकास योजनाएँ केवल डीएमएफटी (DMFT) और कैंपा (CAMPA) फंड के भरोसे चल रही हैं। इन फंडों का भी उद्देश्यभ्रष्ट और योजनाबद्ध बंदरबांट हो गया है। उन्होंने कहा कि दिशा जैसी बैठकें अब केवल औपचारिकता बन कर रह गई हैं, जिनका आमजन के हितों से कोई सीधा सरोकार नहीं है।
गीता कोड़ा ने कहा कि:
हजारों करोड़ रुपये खर्च किए जाने के बावजूद जिले की बड़ी आबादी आज भी शुद्ध पेयजल जैसी बुनियादी सुविधा से वंचित है।
स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति जर्जर है, और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का न तो आधुनिकीकरण हुआ और न ही डॉक्टरों एवं संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई।
शिक्षा व्यवस्था चरमराई हुई है, सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी है और स्कूलों की हालत बद से बदतर है।
किसानों की उपेक्षा लगातार जारी है, कृषि आधारित योजनाएं सिर्फ कागज़ों पर दिखती हैं।
युवाओं के लिए स्वरोजगार और कौशल विकास की योजनाएँ सिर्फ घोषणा बनकर रह गई हैं, जिनका धरातल पर कोई असर नहीं दिखाई देता।
उन्होंने यह भी कहा कि हर साल योजनाएं बनाई जाती हैं, बजट आवंटित होता है, लेकिन उसका क्रियान्वयन जमीन पर नजर नहीं आता। जिले में भ्रष्टाचार चरम पर है और पारदर्शिता पूरी तरह गायब है।
कड़ा संदेश देते हुए उन्होंने कहा, “भारतीय जनता पार्टी इस जनविरोधी रवैये को अब चुपचाप नहीं देखेगी। भ्रष्टाचार, कुप्रबंधन और जनता की उपेक्षा के खिलाफ पार्टी जन आंदोलन शुरू करेगी।”
अंत में गीता कोड़ा ने जनता से आह्वान किया कि वे अपने अधिकारों को लेकर जागरूक हों और सवाल पूछें कि उनके चुने हुए प्रतिनिधि उनकी समस्याओं के समाधान के लिए कितना गंभीर प्रयास कर रहे हैं।
“अब वक्त आ गया है कि इस भ्रष्ट और विफल नेतृत्व को बेनकाब किया जाए,” उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा।