Jharkhand : दिशोम गुरु शिबू सोरेन को भारत रत्न देने की मांग, विजय शंकर नायक ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेजा अनुरोध पत्र
मोराबादी आवास को संग्रहालय बनाने और शैक्षणिक पाठ्यक्रम में जीवन परिचय शामिल करने की भी उठी मांग
Ranchi । Jharkhand Mukti Morcha के संस्थापक, पूर्व मुख्यमंत्री और आदिवासी आंदोलन के अग्रणी नेता दिशोम गुरु शिबू सोरेन को भारत रत्न प्रदान करने की मांग ज़ोर पकड़ने लगी है। आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक ने इस संबंध में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को एक औपचारिक अनुरोध पत्र भेजा है।
पत्र में विजय शंकर नायक ने कहा कि यह मांग केवल व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि यह झारखंड के लाखों आदिवासियों और मूलवासियों की भावना का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने कहा कि दिशोम गुरु का जीवन संघर्ष, सामाजिक न्याय, आदिवासी अधिकार और झारखंड के निर्माण को समर्पित रहा है, और उनके योगदान को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जाना चाहिए।
नायक द्वारा की गई प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:
1. भारत रत्न सम्मान:
विजय शंकर नायक ने आग्रह किया कि शिबू सोरेन जी को उनके सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक योगदान के लिए भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान “भारत रत्न” प्रदान किया जाए। इससे उनके संघर्ष को राष्ट्रीय मान्यता मिलेगी।
2. मोराबादी आवास को संग्रहालय बनाने की मांग:
उन्होंने सुझाव दिया कि रांची के मोराबादी स्थित शिबू सोरेन जी के आवास को एक संग्रहालय में तब्दील किया जाए, जिसमें उनके जीवन, आंदोलन और आदिवासी अधिकारों से जुड़ी सामग्री प्रदर्शित की जा सके। यह स्थल आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्थल बन सकता है।
3. शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल हो जीवन परिचय:
पत्र में यह भी अनुरोध किया गया कि झारखंड राज्य के स्कूलों और कॉलेजों के पाठ्यक्रम में शिबू सोरेन जी का जीवन परिचय शामिल किया जाए, ताकि युवा पीढ़ी उनके आदर्शों और संघर्ष से प्रेरणा ले सके।
विजय शंकर नायक ने स्पष्ट किया कि यह कदम केवल श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय, समावेशिता और आदिवासी चेतना को सम्मानित करने का एक सशक्त माध्यम होगा। उन्होंने कहा कि मंच इस मांग के साथ पूरी दृढ़ता से खड़ा है और सरकार से सहानुभूतिपूर्वक विचार की अपेक्षा करता है।