Bagbera Water Supply Scheme : बागबेड़ा महानगर विकास समिति के अध्यक्ष सुबोध झा और समिति के सदस्यों ने बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी जलापूर्ति योजना का निरीक्षण करते हुए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग पर गंभीर आरोप लगाए। झा का कहना है कि विभाग ने झूठे शपथ पत्र देकर न्यायालय को गुमराह किया और जनता को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने में असफल रहा।
योजना में बार-बार देरी और झूठे दावे
सुबोध झा ने बताया कि विभाग ने झारखंड हाई कोर्ट में 1 नवंबर 2024 को यह दावा किया था कि दिसंबर 2024 तक बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी के 1140 घरों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी। हालांकि, काम की प्रगति पूरी तरह ठप पड़ी है। विभाग ने पहले 27 अप्रैल 2023 को काम शुरू करने और 15 महीने में इसे पूरा करने का दावा किया था। लेकिन, फिल्टर प्लांट का निर्माण आज तक पूरा नहीं हो सका।
न्यायालय में पक्ष और जनता के साथ धोखा
18 सितंबर 2023 को झा ने न्यायालय में स्पष्ट कहा था कि विभाग झूठे शपथ पत्र देकर जनता को गुमराह कर रहा है। 14 सितंबर को फिल्टर प्लांट का निर्माण कार्य रोक दिया गया था और 16 सितंबर 2024 को दोबारा शिलान्यास कर केवल औपचारिकताएं निभाई गईं। 19 सितंबर को न्यायालय के सख्त आदेश के बावजूद काम फिर से बंद हो गया।
भ्रष्टाचार और फंड की लूट
सुबोध झा ने आरोप लगाया कि फिल्टर प्लांट मरम्मत के लिए आवंटित ₹21,63,000 का दुरुपयोग हुआ है। इसके अलावा, झारखंड सरकार और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारियों ने झूठे आश्वासन देकर आंदोलन को स्थगित कराया।
जनता को अशुद्ध पानी पीने पर मजबूर
झा ने कहा कि बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी के 1140 घरों में लोग अशुद्ध और गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। उन्होंने न्यायालय से मांग की कि दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई हो और उनके वेतन से फंड की रिकवरी की जाए। साथ ही, झारखंड सरकार से आग्रह किया कि ₹1.88 करोड़ की लागत से फिल्टर प्लांट का निर्माण शीघ्र पूरा किया जाए।
आंदोलन से लेकर न्यायालय तक संघर्ष
2015 से चल रही इस योजना में बड़े पैमाने पर लूट और भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। बागबेड़ा और छोटा गोविंदपुर जलापूर्ति योजना के लिए 237 करोड़ की लागत से काम शुरू हुआ था, जो अब तक अधूरा है। झा ने बताया कि बागबेड़ा महानगर विकास समिति ने आंदोलन कर ₹50.58 करोड़ की पुनः व्यवस्था कराई, लेकिन योजनाओं का कार्य सुचारू रूप से नहीं हो रहा है।
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से गुहार
अब जनता के सब्र का बांध टूट चुका है। आंदोलनकारियों ने माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से हस्तक्षेप की मांग करते हुए जल्द से जल्द शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने की अपील की है।