Bank of India Staff Crisis : बैंक ऑफ इंडिया वर्तमान में गंभीर स्टाफिंग संकट का सामना कर रहा है, जिसे लेकर फेडरेशन ऑफ बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ यूनियंस ने कड़ी नाराजगी जताई है। संघ का कहना है कि बैंक में रिक्त पदों को भरने में प्रबंधन की असफलता के कारण संचालन प्रभावित हो रहा है और कर्मचारियों पर अत्यधिक कार्यभार बढ़ गया है। हालांकि, प्रबंधन ने इस मुद्दे को हल करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे स्थिति और गंभीर होती जा रही है।
इस समस्या को लेकर संघ ने अब निर्णायक कदम उठाने का फैसला किया है। उन्होंने 24 और 25 तारीख को दो दिवसीय हड़ताल (“हड़ताल”) की घोषणा की है ताकि अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाया जा सके। संघ का कहना है कि उन्होंने सभी संभावित प्रयास कर लिए हैं, लेकिन जब कोई समाधान नहीं निकला, तो यह कदम उठाना पड़ा। यह हड़ताल मुख्य रूप से स्टाफिंग की कमी को दूर करने और भर्ती प्रक्रिया को जल्द शुरू करने के लिए प्रबंधन पर दबाव बनाने के उद्देश्य से की जा रही है।
स्टाफिंग संकट से बैंकिंग सेवाओं पर असर
स्टाफिंग की समस्या के कारण बैंकिंग सेवाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। कर्मचारियों पर अधिक काम का दबाव बढ़ने से ग्राहक सेवा की गुणवत्ता में गिरावट आई है। संघ ने बताया कि कई शाखाएं न्यूनतम स्टाफ के साथ संचालित हो रही हैं, जहां महज एक से चार क्लर्क ही कार्यरत हैं। इस स्थिति के कारण न केवल कर्मचारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि ग्राहक भी बैंकिंग सेवाओं में हो रही देरी और असुविधा से परेशान हैं।
संघ का विरोध प्रदर्शन और आगे की रणनीति
संघ ने अपनी मांगों को प्रमुखता से उठाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें काले बिल्ले पहनकर विरोध जताना और देशभर में प्रदर्शन आयोजित करना शामिल है। संघ के सदस्यों ने विभिन्न प्रमुख कार्यालयों में प्रदर्शन किया और प्रबंधन को चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो हड़ताल को और आगे बढ़ाया जा सकता है।
संघ के प्रमुख पदाधिकारी और सदस्यों की उपस्थिति
इस अवसर पर उप महासचिव कॉम स्वपन कुमार आदक, सहायक सचिव सत्यजीत गिरि, कार्यकारिणी सदस्य कॉम सी पी सिंह, कॉम खुशबू मुंडा, कॉम रिचा कुमारी, कॉम आदित्य नारायण देव, कॉम सुब्रतो सहित बैंक ऑफ इंडिया के कई कर्मचारी और सदस्य मौजूद रहे।
प्रबंधन के लिए कड़ा संदेश
बैंक ऑफ इंडिया प्रबंधन से संघ ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि यदि जल्द ही कोई ठोस समाधान नहीं निकला, तो हड़ताल अपने नियत समय पर होगी। यह स्थिति बैंक के सुचारू संचालन के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर सकती है। इस मामले को जल्द सुलझाने के लिए प्रबंधन को प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है, ताकि कर्मचारियों और ग्राहकों दोनों को राहत मिल सके।
संघ ने अपनी मांग पर जोर देते हुए कहा कि यदि बैंक प्रबंधन ने जल्द भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की, तो विरोध प्रदर्शन और तेज होगा। अब देखना होगा कि बैंक ऑफ इंडिया प्रबंधन इस गंभीर मुद्दे को हल करने के लिए क्या कदम उठाता है।